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निर्माण को पैसे जारी फिर भी सूबे में 5200 स्कूल भवनहीन

पटना : सरकार ने तय किया है कि कोई भी स्कूल बिना अपने भवन का नहीं होगा, पर प्रदेश में अभी भी 5200 से अधिक स्कूल हैं जिनका अपना भवन नहीं है. जबकि, पिछले एक साल में 300 से अधिक स्कूलों को मर्ज किया गया है. अब 5200 स्कूलों को भवन वाले स्कूलों में मर्ज […]

पटना : सरकार ने तय किया है कि कोई भी स्कूल बिना अपने भवन का नहीं होगा, पर प्रदेश में अभी भी 5200 से अधिक स्कूल हैं जिनका अपना भवन नहीं है. जबकि, पिछले एक साल में 300 से अधिक स्कूलों को मर्ज किया गया है. अब 5200 स्कूलों को भवन वाले स्कूलों में मर्ज करने में शिक्षा विभाग के पसीने छूट रहे हैं.

ये सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय है. अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत सरकार ने हाल ही में एक किलोमीटर के दायरे वाले 300 से अधिक स्कूलों को नजदीकी स्कूल में शिफ्ट किया हैं. सरकार ने भवनहीन स्कूलों के लिए बजट राशि भी जारी कर दी है. इन 5000 से अधिक स्कूलों में एक तिहाई प्राथमिक स्कूल हैं. शेष इससे उच्च कक्षाओं के हैं.
शेष स्कूलों को किसी स्कूल में मर्ज करने या शिफ्ट करने में विभाग को दिक्कत आ रही है. बता दें कि दो साल पहले की डाइस रिपोर्ट में भवनहीन विद्यालयों की संख्या 9000 से ऊपर थी. इसमें कई स्कूल ऐसे थे, जो अर्ध निर्मित थे. कई स्कूल किराये के या कंडम भवनों में संचालित थे.
भवनहीन स्कूलों में सर्वाधिक उत्तर-पूर्वी बिहार के हैं. इनमें अधिकतर जिले सीमांचल के हैं. इन स्कूलों के पास न तो भवन है न भूमि है. हालांकि, इन स्कूलों की दूरी उन स्कूलों से कम से तीन किमी दूर है, जिनमें इन्हें मर्ज किया जा सकता है. पर सरकार हिम्मत नहीं जुटा सकी है.
भवनहीन प्राथमिक और मध्य विद्यालयों की जिलेवार संख्या
पूर्वी चंपारण510
समस्तीपुर454
पूर्णिया289
मधेपुरा251
दरभंगा213
मधुबनी199
सीतामढ़ी196
वैशाली194
प चंपारण193
कटिहार186
सारण184
सुपौल165
पटना157
किशनगंज 156
मुंगेर141
जमुई139
रोहतास138
सीवान125
भोजपुर121
अररिया116
गोपालगंज112
बेगूसराय106
भागलपुर103
सहरसा96
बक्सर84
खगड़िया65
शिवहर63
नवादा63
अरवल58
औरंगाबाद58
मुजफ्फरपुर56
गया53
बांका48
नालंदा42
लखीसराय37
कैमूर31
शेखपुरा29
जहानाबाद2

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