अधिक बारिश होने से धान की फसल को हो रहा है नुकसान
पटना : चार दिनों से हो रही बारिश का असर अब धान की फसल पर होने की संभावना है. हथिया नक्षत्र में इतनी अधिक बारिश फायदे के बदले नुकसान भी दे सकती है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जिन इलाकों जुलाई के शुरुआत में रोपनी हुई है. वहां फसल में अब दाना आने की शुरुआत हो चुकी होगी. ऐसे में इतनी अधिक बारिश फसल को खराब कर सकती है.
कृषि विभाग के अनुसार नाॅर्थ बिहार मधुबनी, किशनगंज, अररिया व सुपौल, दरभंगा से लेकर अन्य जिलों में ऐसी स्थिति बनी होगी. वहीं जिन क्षेत्रों मसलन नवादा, जमुई से लेकर पटना, गया, भोजपुर, बक्सर व रोहतास से लेकर अन्य जिलों में देर से रोपनी हुई है. वहां नुकसान नहीं होगा.
अब तक 80 फीसदी रोपनी
जानकारी के अनुसार के 12 जिलों मसलन भोजपुर, रोहतास, भभुआ, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया तथा कटिहार में 90प्रतिशत से ऊपर, नौ जिले बक्सर, अरवल, सारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, समस्तीपुर तथा पूर्णिया में 80-90प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपनी हुई थी.
जहां पहले पटवन हुआ है वहां बारिश से ज्यादा खतरा
कृषि विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार अगर कहीं पूरी फसल डूब गयी होगी, तो भारी नुकसान होगा. इसके अलावा नहर वाले क्षेत्रों में रोहतास, कैमूर से लेकर अन्य जिलों में जहां पहले से पटवन हो चुका होगा, वहां भी ये अधिक बारिश नुकसान कर सकती है.
गौरतलब है कि चार दिनों बारिश के पहले पटना प्रमंडल के बक्सर व कैमूर जिलों को छोड़ कर पटना, नालंदा, भोजपुर व रोहतास में बारिश के अभाव के कारण फसल सूखने की स्थिति में थे. इसके अलावा मगध प्रमंडल के गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद व अरवल भी स्थिति बेहतर नहीं थी. वहीं , मुंगेर प्रमंडल के जमुई, खगड़िया (कुछ भाग), मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय व शेखपुरा में भी पहले स्थिति ठीक नहीं थी.
यहां रोपनी की भी स्थिति खराब
औरंगाबाद, सीवान, पश्चिमी चंपारण तथा दरभंगा सहित कुल 4 जिलों में 70-80 प्रतिशत तक रोपनी हो पायी थी. 11 जिलों पटना, नालंदा, गया, जहानाबाद, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, भागलपुर, शेखपुरा और बांका जिले में 50-70 प्रतिशत धान की रोपनी व नवादा तथा मुंगेर में 50 प्रतिशत से कम धान की रोपनी हो पायी थी.