पटना : 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद बिहार में 18 हजार बैंक खाते ऐसे सामने आये, जिनमें दो लाख या इससे ज्यादा रुपये जमा किये गये थे. आयकर की तरफ से चलाये जा रहे ऑपरेशन क्लीन मनी अभियान के तहत इन बैंक खातों की जांच चल रही है. इसमें तीन हजार बैंक खाताधारकों को आयकर विभाग ने अंतिम नोटिस जारी किया है.
ये ऐसे लोगों के खाते में हैं, जो जमा किये रुपये का हिसाब नहीं दे पाये या इनका सही स्रोत नहीं बता पाये. इनमें कई के बैंक खातों को सील भी कर दिया गया है. अब इन लोगों के खिलाफ आगे की जांच जारी है. चिह्नित इन संदिग्ध खातों में बड़ी संख्या में लोगों ने हिसाब भी दिया है. लेकिन आधे से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जो हिसाब नहीं दे पा रहे हैं. इन बैंक खातों में चार-पांच हजार जन-धन योजना के तहत खोले गये खाते भी हैं, जिनका उपयोग नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी जमा करने में किया गया था.
इन बैंक खातों की जांच खासतौर से चल रही है. इनकी खातों में की जांच में सबसे बड़ी समस्या सामने आ रही है कि अधिकतर खाताें को बिना किसी पैन नंबर के खोले गये हैं. ऐसे में इन्हें ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा है. इससे पहले भी आयकर विभाग संदिग्ध लेन-देन वाले ऐसे करीब 400 खाताधारकों को नोटिस जारी कर चुका है.
स्रोत नहीं बताया तो देना होगा टैक्स के साथ जुर्माना भी, केस भी हो सकता है
विभाग को दिसंबर तक ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत रडार पर आये सभी बैंक खातों की स्क्रूटनी का काम पूरा कर लेना है. इस समय तक जो लोग पैसे का स्रोत बताने में पूरी तरह से विफल साबित होंगे, उनके खातों में जमा सभी रुपये को उनकी आय में जोड़ दिया जायेगा और उनसे इसके बदले में टैक्स और जुर्माना वसूल किया जायेगा. इसमें बड़ी राशि वाले जो मामले ज्यादा संदिग्ध पाये जायेंगे, उन पर मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है.
1900 खातों में एक करोड़ से अधिक राशि जमा
नोटबंदी के बाद चिह्नित किये गये 18 हजार संदिग्ध खातों में करीब एक हजार 900 ऐसे खाते थे, जिनमें एक करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हुए थे. इनमें 80% से ज्यादा खातों की जांच लगभग पूरी हो चुकी है. इसमें गड़बड़ी पाये गये खातों के धारकों को अंतिम बार नोटिस दिया जा रहा है.