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ऐसी रही आदत, तो कैसे बचायेंगे बिजली

सरकारी कार्यालयों में बिजली बर्बादी पर रोक लगाने को लेकर मुख्य सचिव ने शुक्रवार को निर्देश दिये. इसके तहत अधिकारियों को कार्यालय में उपस्थित नहीं रहने पर बिजली स्विच ऑफ कर देने के साथ ही तापमान के हिसाब से एसी व अन्य उपकरण चलाने की नसीहत दी गयी. लेकिन, आदेश के दूसरे ही दिन राजधानी […]

सरकारी कार्यालयों में बिजली बर्बादी पर रोक लगाने को लेकर मुख्य सचिव ने शुक्रवार को निर्देश दिये. इसके तहत अधिकारियों को कार्यालय में उपस्थित नहीं रहने पर बिजली स्विच ऑफ कर देने के साथ ही तापमान के हिसाब से एसी व अन्य उपकरण चलाने की नसीहत दी गयी. लेकिन, आदेश के दूसरे ही दिन राजधानी के कार्यालयों में लापरवाही दिखी.

बैठक के दौरान नहीं खुली खिड़की चलते रहे एसी-पंखे
जिलाधिकारी सभा कक्ष में मुहर्रम की विधि-व्यवस्था सहित अन्य विभागों की समीक्षा को लेकर लंबी बैठक चली. इस बैठक के दौरान सभा कक्ष की एक भी खिड़की खुली हुई नहीं थी और न ही किसी परदे को हटाया गया था. पूरी बैठक के दौरान लाइट जल रही थी और एसी भी चल रहे थे.
हालांकि उनके जाने के बाद डीएम चैंबर के पंखे व एसी दोनों बंद कर दिये गये थे. विकास भवन स्थित कार्यालयों में सभी पंखे फुल स्पीड मोड में चल रहे थे. पदाधिकारियों के कार्यालय का भी वैया ही हाल दिखा. सभी जगह एसी चल रहे थे. पदाधिकारियों की अनुपस्थिति के बावजूद उनके कक्ष की लाइटें भी जल रही थीं.
डॉक्टर साहब चैंबर में नहीं थे, पर चल रहे थे पंखा-एसी
पीएमसीएच में दिन के एक बजे. ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सन्नाटा पसरा था. पुर्जा काटने की समय सीमा खत्म हो चुकी थी, इसका साफ असर दिखायी दे रहा था. यहां कोई भी कर्मचारी अपनी कुर्सी पर मौजूद नहीं था. लेकिन न केवल पंखा-लाइट बल्कि कंप्यूटर भी चालू था. यहां पता चला कि सभी लोग एक साथ खाना खाने गये हैं, जब आयेंगे तो कंप्यूटर आदि बंद कर जायेंगे.
जब यहां से हम अागे बढ़े तो ओपीडी में पहुंचे. यहां भी डॉक्टर साहब के अधिकांश चैंबर खाली पड़े थे. यहां उनकी उपस्थिति तो नहीं थी लेकिन उनके चैंबर में न केवल पंखा चल रहा था बल्कि एयरकंडीशन भी चालू था. डॉक्टर साहब और कर्मचारियों ने सुबह अखबार में मुख्य सचिव का संदेश देखा होगा, लेकिन उनकी आदत इतनी जल्दी तो बदलने से रही.
नगर निगम दफ्तर से निकले, पर खुला छोड़ गये एसी-पंखा
नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय शनिवार को 12:15 बजे के करीब दफ्तर से निकले. दफ्तर से निकले, तो एसी का स्विच ऑफ नहीं किया गया. प्रभात खबर संवाददाता उनके दफ्तर 12:30 बजे पहुंचा, तो नगर आयुक्त के दफ्तर में लगे दोनों एसी चल रहा था.
नगर आयुक्त दुबारा दफ्तर 1:45 बजे पहुंचे, तब तक उनके दफ्तर में कोई नहीं था. इसके बावजूद एसी चालू रखा गया था, ताकि दफ्तर गर्म नहीं हो सके.
इतना ही नहीं, अपर नगर आयुक्त(योजना व स्थापना) देवेंद्र प्रसाद तिवारी के दफ्तर में भी एक एसी चला है. नगर आयुक्त के कॉल पर देवेंद्र प्रसाद तिवारी मिलने चले गये. लेकिन इस दौरान उनके भी दफ्तर के एसी को बंद नहीं किया गया.
पटना यूनिवर्सिटी
कहीं दिखी बर्बादी तो कहीं खिड़की खोल चला रहे थे काम
पटना विवि में बिजली की खपत के दो रूप दिखे. विश्वविद्यालय के कैंटीन में अवैध रूप से इ-रिक्शा चार्ज किया जा रहा था. वहीं, मुख्यालय परिसर के लॉन में किसी के मौजूद नहीं होने के बावजूद पंखा चल रहा था. वहां लाइट भी जल रही थी. हालांकि यहां एक तरफ बिजली की बर्बादी का नजारा भी दिखा.
कुछ जगहों पर कमरे में बिजली लाइट से नहीं, बल्कि खिड़की से आने वाली लाइट से रोशन थे. पूरे कार्यालय में जहां भी खिड़कियों से रोशनी आ सकती थी, वहां दिन के उजाले से ही काम हो रहा था. विवि के परीक्षा विभाग में जहां डिग्री बनती है, वहां एक भी लाइट नहीं जलायी गयी थी. यहां कर्मचारियों ने बताया कि पूरे साल यहां खिलड़ियों से रोशनी आती है और उसी में दिनभर काम होता है.

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