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पटना : गवाह निडरता से देंगे गवाही हर जिले में बनेगी अथॉरिटी
गवाह सुरक्षा योजना 2018 सूबे में लागू पटना : गवाहों को सच्चाई और निडरता के साथ गवाही देने में सक्षम बनाने के लिये बनायी गयी गवाह सुरक्षा योजना 2018 को राज्य में भी लागू कर दिया गया है. गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक जिला में जिला जज की अध्यक्षता में एक अथाॅरिटी […]
गवाह सुरक्षा योजना 2018 सूबे में लागू
पटना : गवाहों को सच्चाई और निडरता के साथ गवाही देने में सक्षम बनाने के लिये बनायी गयी गवाह सुरक्षा योजना 2018 को राज्य में भी लागू कर दिया गया है. गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक जिला में जिला जज की अध्यक्षता में एक अथाॅरिटी का गठन किया जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार के गवाह सुरक्षा कार्यक्रम, 2018 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है.
गृह विभाग की सूचना के अनुसार जिला स्तरीय प्राधिकार के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश होंगे. जिला अभियोजन पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. एसपी भी इसके सदस्य होंगे. जिला अभियोजन पदाधिकारी की मदद हो एक सहायक अभियोजन पदाधिकारी (प्रशासन) नामित किया जायेगा.
इस योजना में गवाह की पहचान को सुरक्षित रखना, उसे नई पहचान देना होगा. साधारण मामलों में न्यायालय परिसर में गवाह को पुलिस सुरक्षा से लेकर गंभीर मामलों में सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना, किसी गुप्त जगह पर विस्थापित करना आदि शामिल हैं.
आसाराम मामले के बाद आयी योजना
गौरतलब है कि आसाराम मामले से जुड़े गवाहों की सुरक्षा में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह योजना सामने आई थी. कोर्ट के सामने यह तथ्य आया था कि आसाराम मामले के 10 गवाहों पर हमला किया जा चुका है.
तीन गवाहों की हत्या हो चुकी है. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा था कि देश में गवाहों की सुरक्षा के लिये एक योजना का मसौदा क्यों नहीं तैयार हो सकता है. काेर्ट ने टिप्पणी की थी कि गवाहों के अपने बयान से पलट जाने की मुख्य वज़हों में से एक राज्यों द्वारा उन्हें उचित सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराना भी होता है
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