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सूखे से निबटने के लिए सरकार तैयार

पटना : सूखे का मुकाबला करने को राज्य सरकार हर स्तर पर तैयार है. वह सरकार हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है. सूखाड़ में किसी को भूखे मरने नहीं दिया जायेगा. यह दावा शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने विधानसभा में किया. वह सूखे पर विशेष चर्चा में सरकार की ओर से बोल […]

पटना : सूखे का मुकाबला करने को राज्य सरकार हर स्तर पर तैयार है. वह सरकार हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है. सूखाड़ में किसी को भूखे मरने नहीं दिया जायेगा. यह दावा शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने विधानसभा में किया. वह सूखे पर विशेष चर्चा में सरकार की ओर से बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि बिहार को 50 प्रतिशत से कम वर्ष होने पर सूखाग्रस्त घोषित किया जायेगा. अभी 20 -22 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. वर्षा होने की संभावना खत्म नहीं हुई है. 41 प्रतिशत रोपनी भी हुई है.

उन्होंने कहा कि बिहार फिलहाल आंशिक रूप से सूखे के चपेट में है. उन्होंने कहा कि सूखे से निबटने के लिए किसानों को डीजल अनुदान के लिए 776 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. डीजल अनुदान के वितरण में कोई अनियमितता न हो, इसके लिए ब्लॉक और पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां बनायी गयी हैं. 10 हजार बंद नलकूपों में 3,286 चालू किये गये हैं.

शेष नलकूपों को चालू करने का अभियान भी युद्ध स्तर पर चल रहा है. सिंचाई के लिए मोटर भी मुहैया कराये जायेंगे. डीजल संकट से निजात पाने के लिए 2,740 नलकूपों का विद्युतीकरण कराया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे बिजली आपूर्ति का प्रबंध किया गया है. जले ट्रांसफॉर्मरों को भी दुरुस्त किया जा रहा है. उन्होंने स्वीकार किया कि बिहार में वर्षा मापक यंत्रों की कमी है.

मुख्यमंत्री ने सभी ब्लॉकों में चार तरफ वर्षा मापक यंत्र लगाने का निर्देश दिया है. यही नहीं, वर्षा जल सुरक्षित रखने के लिए आहर-पइनों की उड़ाही भी हो रही है. दो राज्यों की सीमा को लेकर नहरों में पानी का संकट है, इस संकट से निबटने के लिए भी काम हो रहा है.

उन्होंने कहा कि सूखे को लेकर सिर्फ सरकार को ही नहीं, सभी दलों को चिंता है. सूखे पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पांच दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री को विस्तार से अवगत कराया है. वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से सूखे पर बात करेंगे.

हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है सरकार : भाजपा के संजय टाइगर ने कहा कि इस बार 20 प्रतिशत से कम बारिश हुई है. इससे किसान रोपनी में पिछड़ गये हैं. पर सूखे से निबटने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है. अधिकारी भी मुख्यमंत्री को गलत रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने सरकार से राज्य को तुरंत सूखाग्रस्त घोषित करने और पटवन शुल्क, मालगुजारी और बैंक ऋण माफ करने की मांग की.

बिचौलियों के कारण किसानों को डीजल अनुदान का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार पशु चारे की नहीं, पशु चारा खानेवालों से दोस्ती की चिंता में डूबी है. उन्होंने कहा कि बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजे सरकार. उषा विद्यार्थी ने कहा कि बिजली विभाग के नियमों के कारण किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलने के बजाय जुर्माना देना पड़ रहा है.

बिचौलिये गटक रहे अनुदान की राशि : जदयू के विधायक रणविजय सिंह ने कहा कि मैं अपने नेताओं को सुखाड़ की सच्चई से अवगत करा रहा हूं. उन्होंने स्वीकार किया कि डीजल अनुदान की आधी राशि बिचौलिये गटक जा रहे हैं. सही समय पर किसानों को डीजल अनुदान मिले, तो बड़ी राहत होगी. बिजली संकट से किसानों को उबारने का भी काम सही ढंग से नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि 15 दिनों में सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए. राजद के दिनेश कुमार सिंह ने कहा किसानों को न समय पर सिंचाई सुविधा मिल रही है, न बीज. हर वर्ष हंगामे व आंदोलन के बाद सरकार जागती है. 15 दिन रोपनी के शेष बचे हैं, पर सरकार सक्रिय नहीं है.

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