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पटना : ऑडिट रिपोर्ट नहीं देने वाली 25 कंपनियों को नोटिस, रेरा ने पूछा-क्यों न आप पर कार्रवाई हो
पटना : रियल इस्टेट कंपनियां प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर पृथक बैंक अकाउंट में रख जाने वाली राशि डायवर्ट करने से बाज नहीं आ रही. ऐसे मामलों में बिहार रेरा (रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे एक मामले में बिहार की एक बड़ी रियल इस्टेट कंपनी को नोटिस […]
पटना : रियल इस्टेट कंपनियां प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर पृथक बैंक अकाउंट में रख जाने वाली राशि डायवर्ट करने से बाज नहीं आ रही. ऐसे मामलों में बिहार रेरा (रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे एक मामले में बिहार की एक बड़ी रियल इस्टेट कंपनी को नोटिस देते हुए सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. रेरा ने इसे गबन का मामला मानते हुए एफआइआर की चेतावनी भी दी है. वहीं 25 रियल इस्टेट कंपनियों को ऑडिट रिपोर्ट नहीं देने पर नोटिस जारी किया है.
सहयोगी कंपनियों को ट्रांसफर कर दी राशि : प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर ग्राहकों से ली जाने वाली राशि पृथक बैंक खाते में रखे जाने का प्रावधान है. ग्राहकों से ली गयी कम से कम 70% राशि इस खाते में सुरक्षित रखना अनिवार्य है. साथ ही निर्माण पर खर्च होने वाली तमाम राशि इसी खाते से ट्रांसफर होगी. इसका वार्षिक लेखा-जोखा ऑडिट करा कर रेरा को दिया जाना है.
मगर रियल इस्टेट कंपनी के खाते की जांच में पता लगा कि उन्होंने करीब चार करोड़ की राशि अपनी तीन सहयोगी कंपनियों को लोन के रूप में दे दी. रेरा के मुताबिक पूरे पैसे लेने के बावजूद तीन से पांच साल बाद भी निर्माण पूरा कर नहीं देने को लेकर दर्ज करायी जाने वाली शिकायतों में करीब 25% से अधिक मामले इस रियल इस्टेट ग्रुप के हैं
एफआइआर भी करायी जा सकती है दर्ज
जांच में पता लगा है कि 25 रियल इस्टेट कंपनियों ने अब तक वर्ष 2017-18 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट रेरा को नहीं सौंपी है. इन कंपनियों ने परियोजनाएं के पृथक बैंक खातों की वेरिफिकेशन और ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं दी है.
इसको देखते हुए इन सभी कंपनियों को नोटिस देते हुये पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ रेरा एक्ट की धारा 60 के तहत कार्रवाई की जाये. मालूम हो कि कंपनियों को हर साल अपनी कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट रेरा को देनी है. रेरा सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट नहीं देने व पृथक अकाउंट की राशि दूसरी कंपनी को ट्रांसफर किये जाने के मामले में रेरा कड़ी कार्रवाई करेगा. जरूरत पड़ने पर एफआइआर भी दर्ज करायी जा सकती है.
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