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बिहार म्यूजियम में टूट कर गिरने लगी फॉल्स सीलिंग

आधुनिक भवन में सामने आ रहीं कई गड़बड़ियां, नहीं काम कर रहा है सेंसर वाला नल पटना : 500 करोड़ रुपये से बनाये गये बिहार म्यूजियम के भवन निर्माण में हुई गड़बड़ियां अब व्यापक रूप में सामने दिखने लगी हैं. जिस भवन की डिजाइन को दो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, वह भवन हल्की बरसात […]

आधुनिक भवन में सामने आ रहीं कई गड़बड़ियां, नहीं काम कर रहा है सेंसर वाला नल
पटना : 500 करोड़ रुपये से बनाये गये बिहार म्यूजियम के भवन निर्माण में हुई गड़बड़ियां अब व्यापक रूप में सामने दिखने लगी हैं. जिस भवन की डिजाइन को दो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, वह भवन हल्की बरसात में रिसना शुरू हो चुका था और अब इसके कारण भवन की फॉल्स सीलिंग जगह-जगह सड़ कर गिर रही है.
विभिन्न गैलरियों में भी बारिश के पानी का रिसाव हो रहा है. यही नहीं भवन के पार्किंग वाले हिस्से में ड्रेनेज भी चॉक हो रहा है. इसके अलावा म्यूजियम के मुख्य सभागार का प्लास्टर नमी के कारण उखड़ रहा है. इन सबके कारण बिहार म्यूजियम की छवि पर असर पड़ रहा है. इसका वही हश्र हुआ जो आम भवनों का हो रहा है.
एयरकंडीशनर का तापमान भी नहीं रहता है उचित
बिहार म्यूजियम में सेंसर वाले कई नल काम नहीं कर रहे हैं. जब विजिटर्स शौचालय में जाते हैं, तो उन्हें काफी समस्याएं आती हैं. सेंसर वाले नल का मेंटेनेंस नहीं होने के कारण ऐसी परेशानी सामने आ रही है. इसके अलावा एयरकंडीशनर का तापमान भी उचित नहीं रहता है, तो विजिटर्स को परेशानी होती है.
मालूम हो कि बिहार म्यूजियम में एक वयस्क के लिए टिकट की दर 100 रुपये तो बच्चे के लिए 50 रुपये है. इसके कारण लोगों की यह अपेक्षा रहती है कि उन्हें ज्यादा सुविधाएं मिलें, लेकिन उन्हें अब सुविधा की जगह परेशानी झेलनी पड़ रही है.
बिहार म्यूजियम के निदेशक युसूफ ने बताया कि हमने तो भवन का निर्माण किया नहीं है. भवन निर्माण में जो भी कमी हुई है, उसी का परिणाम इस रूप में दिखायी दे रहा है. बिहार म्यूजियम सोसाइटी को यह भवन पहले हैंडओवर किया गया था, जो इन सबके लिए जिम्मेदार नहीं है.
अवार्ड जीत चुका है बिहार म्यूजियम
2018 में बिहार म्यूजियम को बेहतरीन डिजाइन के कारण दो अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं. पहला आइएफ डिजाइन और दूसरा क्यूरियस डिजाइन ब्लू एलिफैंट अवार्ड लेकर इस म्यूजियम ने अपनी विशेष पहचान और ब्रांड वैल्यू बनायी थी. हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व की पुरानी संस्थाओं में से एक आइएफ इंटरनेशनल फोरम डिजाइन जीएमबीएच अवार्ड समारोह का आयोजन करती है. साथ ही दुनिया भर से आवेदन की मांग करती है.
वहीं क्यूरियस डिजाइन अवार्ड की शुरुआत साल 2014 में हुई थी. यह विजुअल कम्यूनिकेशन माध्यम के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है. इसके तहत दो तरह के अवाॅर्ड दिये जाते हैं. इनमें से बेहतर रचनात्मक काम के लिए द ब्लू एलिफैंट अवॉर्ड दिया जाता है. इसके साथ ही डिजाइन केटेगरी पर बेहतर लेखन के लिए बिहार म्यूजियम के बुकलेट आइ एम बिहार म्यूजियम को क्यूरियस इन बुक अवार्ड दिया गया था.

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