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पटना सिटी : बारिश में टपकता है छत से पानी, कहीं गिरता है प्लास्टर
आधा दर्जन मध्य व प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति पढ़ने लायक नहीं विद्यालय में है टीन का शेड, फर्श भी है खराब भय के माहौल में पढ़ाई करते हैं बच्चे पटना सिटी : बारिश में टपकता है छत से पानी, तो कहीं छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. कुछ इसी तरह की स्थिति है […]
आधा दर्जन मध्य व प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति पढ़ने लायक नहीं
विद्यालय में है टीन का शेड, फर्श भी है खराब
भय के माहौल में पढ़ाई करते हैं बच्चे
पटना सिटी : बारिश में टपकता है छत से पानी, तो कहीं छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. कुछ इसी तरह की स्थिति है पटना सिटी के आधा दर्जन से अधिक मध्य व प्राथमिक विद्यालयों की.
पटना सदर प्रखंड में पड़ने वाले मध्य विद्यालय कोठिया के प्रभारी श्याम सुंदर शर्मा ने विद्यालय के बदहाल भवन के बारे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर अवगत कराया है. भवन जर्जर होने की स्थिति में छत का प्लास्टर टूट कर गिरता है. बरसात में छत से पानी रिसता है. कुछ इसी तरह की स्थिति चौक अंचल में पड़ने वाले महिला चर्खा समिति मध्य विद्यालय, मोगलपुरा की है. इस विद्यालय की छत के प्लास्टर भी जगह-जगह से टूट कर कक्षा में गिर चुके हैं. यहां बच्चे भयभीत हो तालीम पाते हैं.
यही स्थिति इसी अंचल के कन्या मध्य विद्यालय रानीपुर व प्राथमिक विद्यालय, सोनार टोली की भी है. मालसलामी अंचल की बात करें तो मध्य विद्यालय जलकद्दर बाग टीन के शेड में संचालित है. इसकी स्थिति भी खस्ताहाल है. इसी अंचल में कन्हाई लाल मध्य विद्यालय चुटकिया बाजार व गुलजारबाग अंचल में प्राथमिक विद्यालय मुसल्लहपुर नया गांव में भवन का फर्श जर्जर है. स्थिति यह है कि भय के माहौल में बच्चे शिक्षा पा रहे है.
एक भवन में चार विद्यालय होते हैं संचालित
महिला चर्खा समिति मध्य विद्यालय, मोगलपुरा में दो मध्य व एक प्राथमिक विद्यालय चलते हैं. इसके साथ ही भवन के पश्चिम हिस्से में महिला चरखा समिति कन्या उच्च विद्यालय चलता है. शिक्षकों की मानें तो मध्य व प्राथमिक विद्यालय में लगभग 500 से अधिक नामित बच्चे हैं. इसी प्रकार से बदहाल भवन में संचालित आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों में लगभग एक हजार बच्चे नामित हैं. इनमें विद्यालय में नियमित तौर पर 70 से 75 फीसदी बच्चों को उपस्थित रहती है.
इस मामले में बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला सचिव सूर्यकांत गुप्ता का कहना है कि सरकार जर्जर भवनों में संचालित विद्यालय के भवनों को मरम्मत कराये, जो विद्यालय सामुदायिक भवन व धार्मिक स्थल में चल रहे हैं. ऐसे विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध करा भवन निर्माण कराया जाये. भवन में उपस्कर व बेंच टेबुल होना चाहिए.
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