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बाढ़ का कहर : 37 और लोगों की डूबने से मौत, नदियों का जल स्तर घटने की संभावना
सीतामढ़ी, फारबिसगंज और निर्मली शहर हुए जलमग्न पटना/मुजफ्फरपुर/भागलपुर : नेपाल में हुई भारी बारिश से उफनाई नदियों ने उत्तर बिहार के नये इलाकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. सोमवार को बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा के नये इलाकों में बाढ़ का पानी फैला ही, समस्तीपुर को कई इलाकों को अपनी […]
सीतामढ़ी, फारबिसगंज और निर्मली शहर हुए जलमग्न
पटना/मुजफ्फरपुर/भागलपुर : नेपाल में हुई भारी बारिश से उफनाई नदियों ने उत्तर बिहार के नये इलाकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. सोमवार को बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा के नये इलाकों में बाढ़ का पानी फैला ही, समस्तीपुर को कई इलाकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया़ पूर्वी चंपारण में कृष्णा नगर-हरदिया पुल के बहने से रक्सौल एनएच 28 पर पानी चढ़ गया है.
उधर कोसी नदी का पानी पूर्णिया सहित कुछ नये इलाकों में घुस गया है. अररिया, किशनगंज व सुपौल में स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. सीतामढ़ी शहर, फारबिसगंज शहर व निर्मली बाजार में भी पानी घुस गया है.
बाढ़ के पानी में डूबने से सोमवार को 37 लोगों की मौत हो गयी. सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में 12 लोगों की मौत हो गयी, जबकि सीतामढ़ी में 10 व मधुबनी में पांच लोगों की जान चली गयी. हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग ने कुल 24 के ही मरने की पुष्टि की है.
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 12 जिलों की 546 पंचायतें बाढ़ से ग्रस्त हैं, जहां 25.66 लाख लोग पीड़ित हैं. इनमें से एक लाख छह हजार 953 लोगों को विभिन्न जिलों में चलने वाले 196 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया है. इसके लिए एनडीआरएसफ व एसडीआरएफ की 26 टीमें लगायी गयी हैं. 644 सामुदायिक किचेन भी शुरू किये गये हैं. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 796 मानव बल और 125 मोटर बोट लगाये हैं.
सीतामढ़ी में बागमती व अधवारा समूह की नदियों के बाद अब लखनदेई और लक्ष्मणा नदी ने भी उग्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. इससे सीतामढ़ी शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है. पुनौरा धाम, रीगा रोड, जानकी स्थान रोड, रेलवे कॉलोनी, पुरुषोत्तम नगर, केशव नगर, श्रीकृष्ण नगर व सरस्वती नगर समेत अन्य कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गये हैं.
बाढ़ का पानी पूर्वी चंपारण के नये इलाके बंजरिया, लखौरा व तेतरिया प्रखंड के कई पंचायतों में फैलने लगा है. बुढ़ी गंडक का पानी बंजरिया प्रखंड व अंचल कार्यालय में प्रवेश कर गया है. हालांकि, नेपाल की जान और लालबकेया नदी का पानी ढाका प्रखंड के गुरहनवा,कुसमहवा,बहलोलपुर आदि से उतरने लगा है.
मधुबनी में रविवार की देर रात से सोमवार के दिन तक बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र में धौंस नदी सहित अन्य नदियों का तटबंध पांच जगहों पर ध्वस्त हो गया है. हालांकि कमला नदी के जल स्तर में झंझारपुर में कमी आयी है, पर तेज बहाव से तटबंध का कटाव जारी है. जिले में कोसी के उफनाने से नदी के दोनों तटबंध के बीच बसे दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गये है़ं बेनीपट्टी प्रखंड के चाननपुर में बाढ़ के पानी ने रिंग बांध तोड़ दिया है
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कोसी का कहर अब भी जारी है. कोसी के जल स्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. एक ओर नेपाल के बराह में डिस्चार्ज पानी बढ़ने का संकेत दे रहा है, तो दूसरी ओर वीरपुर बराज पर कोसी का डिस्चार्ज घटने के क्रम में है. गंगा, महानंदा सहित अन्य सहायक नदियों का जल स्तर भी बढ़ा है.
कोसी इलाके में सोमवार को अलग-अलग जगहों पर डूबने से छह लोगों की मौत की सूचना है.सुपौल सदर प्रखंड समेत किसनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, मरौना, निर्मली व बसंतपुर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ की तबाही मची हुई है. निर्मली नगर में रिंग बांध से रिस रहा पानी समस्या का कारण बना हुआ है. एसएच 106 रतनपुरा सड़क पर करीब 200 मीटर तक दो फुट पानी पार कर लोगों के घरों में घुस गया.
अररिया में सोमवार की सुबह में नदियों के जल स्तर में गिरावट देखा गया. इसके बाद अररिया शहर पर पानी घुसने का मंडरा रहा खतरा कम हुआ, लेकिन फारबिसगंज शहर में पानी प्रवेश कर गया. फारबिसगंज अनुमंडल कार्यालय में भी पानी प्रवेश कर गया. फारबिसगंज-कुर्साकांटा डोमरा मार्ग अब तक बाधित है. नरपतगंज में जेबीसी नहर मिर्जापुर के पास काटे जाने के दर्जनों गांव में नहर का पानी फैल गया. इस बात को लेकर दो पक्षों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. नरपतगंज प्रखंड के भी कई ग्रामीण सड़कें ध्वस्त हो गयी हैं.
पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल में लगातार दूसरे दिन भी नदियों का कहर जारी रहा. महानंदा और उसकी सहायक नदियों के तांडव से बायसी प्रखंड का सभी 17 पंचायत बाढ़ और कटाव की जद में आ गया है, जबकि चोपड़ा डायवर्सन का काम पूरा नहीं होने से आज भी बायसी-रौटा मुख्यमार्ग पर आवागमन सामान्य नहीं हो पाया.
बाढ़ में सबसे भयानक स्थिति मीनापुर पंचायत के गोटफर गांव की है जो महानंदा और परमान के बीच में बसा है. अमौर प्रखंड में चार दर्जन गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. स्टेट हाइवे 99 पर बाढ़ पीड़ित शरण ले रहे हैं. बैसा प्रखंड के अधिकतर गांवों का मुख्यालय से सीधा संपर्क भंग हो गया है. महानंदा और परमान खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
तटबंधों व जमींदारी बांधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुखिया को भी
बिहार के सभी तटबंधों और जमींदारी बांधों की निगरानी बढ़ा दी गयी है. तटबंधों व जमींदारी बांधों की निगरानी में मुखिया को भी जोड़ा गया है, जो गांव वालों के साथ मिलकर तटबंधों की सुरक्षा पर नजर रखेंगे. कहीं से कोई भी सूचना मिलती है, तो इसकी जानकारी तुरंत आपदा कंट्रोल रूम व जिलाधिकारी को देंगे. इधर पीएचइडी ने शिवहर, सीतामढ़ी जिलाें में तीन कार्यपालक अभियंताओं की अतिरिक्त तैनाती की है.
कमला-कोसी का जल स्तर घटने की संभावना
पटना : जल संसाधन विभाग ने राज्य के सभी तटबंधों के सुरक्षित रहने का दावा किया है, लेकिन मौसम पूर्वानुमान में यह भी बताया है कि सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में 16 जुलाई तक हल्की बारिश की संभावना है.
गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि की संभावना जतायी गयी है, जबकि कमला बलान, कोसी, सोन और पुनपुन नदियों के जल स्तर में कमी आने की संभावना है. कमला बलान अब भी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग के अनुसार घाघरा नदी दरौली में खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. मंगलवार सुबह छह बजे तक इसके जल स्तर में 23 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है. गंडक नदी भी रेवा घाट व डूमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. रेवा धाट में 15 सेंटीमीटर वृद्धि और डूमरिया घाट में 40 सेंटीमीटर कमी आने की संभावना है.
बुढ़ी गंडक और बागमती में भी बढ़ोतरी की संभावना जतायी गयी है. अधवारा समूह की नदियां सोनबसा में खतरे के निशान से अभी 83 सेंटीमीटर नीचे हैं, लेकिन मंगलवार सुबह इसमें 73 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है.
कमला बलान जयनगर में खतरे के निशान से 107 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसमें 48 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है. झंझारपुर में कमला बलान खतरे के निशान से 151 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, इसमें कल तक 21 सेंटीमीटर कमी आने की संभावना है. कोसी बसुआ में खतरे के निशान से 126 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसमें 27 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. बलतारा में कोसी खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
12 जिलों के 25.66 लाख लोग पीड़ित, 1,06,953 लोगों को पहुंचाया गया 196 राहत कैंपों में
मुख्यमंत्री ने अररिया, किशनगंज व कटिहार जिलों का किया हवाई सर्वे
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे दिन सोमवार को अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे किया. इसके दौरान उन्होंने अररिया जिले के फारबिसगंज, सिकटी, पलासी व जाेकीहाट, किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, कोखधामन व टेढ़ागाछ और कटिहार जिले के बलरामपुर में बाढ़ की स्थिति को देखा.
एरियल सर्वे के बाद पूर्णिया के चूनापुर एयरपोर्ट पर पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज के डीएम के साथ बैठक कर बचाव व राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और समीक्षा की. मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्य के बाढ़ की स्थिति और दो दिनों के अपने हवाई सर्वे के दौरान जो हालात देखे, उसके बारे में वक्तव्य देंगे.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया. ग्रामीण कार्य और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वे कर स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया. उन्होंने कटे स्थलों का तुरत संपर्क बहाल करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सोमवार को दोपहर में दरभंगा, मधुबनी, शिवहर और सीतामढ़ी के डीएम को पीड़ित इलाकों के हवाई सर्वे के लिए भेजा गया. बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत व बचाव के लिए एनडीअारएफ और एसडीआरएफ की 25 टुकड़ियां तैनात की गयी हैं. मुख्यमंत्री ने आवश्यकतानुसार राहत शिविर और कम्युनिटी किचेन के प्रबंध करने को कहा. उन्होंने भोजन की गुणवत्ता, शुद्ध पानी और साफ-सफाई पर विशेष जोर रखने की हिदायत भी दी.
आम आदमी और पशु दवा के साथ ही पशु चारा के भी समुचित प्रबंध करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के साथ हवाई सर्वे में मुख्य सचिव दीपक कुमार, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी साथ थे.
गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिले के रसियारी और घनश्यामपुर, मधुबनी जिले के झंझारपुर, नरूवार व जयनगर, सीतामढ़ी जिले के रीगा, ढेंग व बैरगिनिया, पूर्वी चंपारण जिले के बेलवा अौर शिवहर जिले के पिपराही बाजार के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे किया था.
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