पटना : टीइटी व एसटीइटी पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति इसी माह से शुरू हो जायेगी. शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने विधानसभा में इसकी घोषणा करते हुए बताया कि टीइटी व एसटीइटी अभ्यर्थियों पास अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की वैधता की समय सीमा बढ़ा दी गयी है.
अब इनकी नियुक्ति जुलाई 2019 से आरंभ कर विभिन्न चरणों में फरवरी 2020 तक पूरी कर ली जायेगी. इन शिक्षकों की नियुक्ति के बाद विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर कर ली जायेगी. शिक्षा मंत्री शुक्रवार को शिक्षा विभाग के बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. सदन ने शिक्षा विभाग के 347 अरब 98 करोड़ के बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए नवाचार योजना आरंभ की जा रही है. इसमें सभी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में तकनीकी का प्रयोग करते हुए उन्नयन बांका की सफलता को देखते हुए उन्नयन बिहार योजना का आरंभ अगस्त से की जा रही है. इसमें तकनीकी के जरिये विद्यार्थी आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. इसी तरह से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्य योजना आरंभ की गयी.
2018-19 में 43326 विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण स्वीकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार में 99 प्रतिशत बच्चे स्कूलों के अंदर आ गये हैं. गरीबों और महादलितों के बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए तालिमी मरकज और टोला सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि राज्य में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्यरत हैं, जबकि विक्रमशिला को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए प्रस्तावित किया गया है.
मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के भवन के लिए 82 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है. भवन निर्माण का शिलान्यास हो चुका है. उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है, जहां पर स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सेंटर फॉर रिवर स्टडीज और सेंटर फॉर जोगरफिकल स्टडीज के रूप में चार नये केंद्रों की स्थापना की गयी है.