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पटना : दो दिनों की हड़ताल से अस्पतालों में लंबी वेटिंग
पीएमसीएच में 20 दिन, तो आइजीआइएमएस व एम्स में ऑपरेशन के लिए एक महीना बाद मिल रही तारीख पटना : एक सप्ताह के अंदर डॉक्टरों की दो दिन की हड़ताल की वजह से अस्पतालों में इलाज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. दो दिन में अकेले पीएमसीएच में जहां 100 से अधिक ऑपरेशन टले हैं. […]
पीएमसीएच में 20 दिन, तो आइजीआइएमएस व एम्स में ऑपरेशन के लिए एक महीना बाद मिल रही तारीख
पटना : एक सप्ताह के अंदर डॉक्टरों की दो दिन की हड़ताल की वजह से अस्पतालों में इलाज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. दो दिन में अकेले पीएमसीएच में जहां 100 से अधिक ऑपरेशन टले हैं. वहीं, आइजीआइएमएस में भी करीब 140 और पटना एम्स में 50 से ऊपर ऑपरेशन टाल दिये गये. सर्जरी टलने की वजह से तीनों ही अस्पतालों में अब इलाज के साथ-साथ लंबी वेटिंग हो गयी है. पीएमसीएच में जहां 20 दिन बाद मरीजों को बुलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आइजीआइएमएस व एम्स में ऑपरेशन के लिए मरीजों को एक महीने बाद तारीख दी जा रही है.
14 व 17 जून को हुई थी हड़ताल : बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के बाद जहां जूनियर डॉक्टरों ने 14 जून को एक दिवसीय हड़ताल की, वहीं दूसरी ओर एक देश एक कानून बनाने की मांग पर राष्ट्रीय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले बिहार में 17 जून को डॉक्टरों ने एक दिन की हड़ताल की. दो दिन की हड़ताल की वजह से पीएमसीएच, एम्स व आइजीआइएमएस में लगभग छह हजार से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया था. हड़ताल की वजह वार्ड की सेवाएं और ओपीडी बंद रहे.
दोबारा सर्जरी के लिए चक्कर काट रहे मरीज
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जिन मरीजों को ऑपरेशन के लिए पहले से 14 व 17 जून की तारीख दी थी, लेकिन सर्जरी टालने के बाद अब उनकी परेशानी दोगुनी हो गयी है. मरीजों को यह पता नहीं कि अब उनका ऑपरेशन कब होगा और उन्हें दोबारा कब अस्पताल आना है. ऑपरेशन थिएटर व सर्जन डॉक्टर का चक्कर लगाते देखे जा रहे हैं. कुछ मरीजों का यहां तक कहना है कि हड़ताल की जानकारी तो उन्हें मिल गयी थी, लेकिन ऑपरेशन को लेकर दोबारा कब अस्पताल आना है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गयी.
आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि जो ऑपरेशन हड़ताल की वजह से टाल दिये गये, उनको पहले करना है. सोमवार को बहुत सारे ऑपरेशन किये गये और मरीजों का इलाज भी किया गया. वहीं, एम्स के निदेशक डॉ पीके सिंह ने कहा कि हड़ताल के दौरान भी गंभीर मरीजों की सर्जरी की गयी. वहीं, जो मरीज थोड़ा गंभीर हैं, पहले उनकी सर्जरी करने को कहा गया है.
बस की छत पर सवारी, आंखें मूंद बैठा प्रशासन
शहर मे आये दिन यातायात नियमों की समीक्षा होती है, लेकिन उसका पालन नहीं होता. कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को हड़ताली चौराहा पर देखने को मिला. शहर के सबसे पॉश सड़क बेली रोड पर दानापुर से आ रही नगर सेवा की इस बस की छत पर 50 से अधिक लोग बैठे हैं, लेकिन चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को इसमें कोई गड़बड़ी नहीं दिखी.
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