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पटना : खेतों में फसल अवशेष नहीं जला पायेंगे किसान
जिलािधकािरयों को दी गयी जिम्मेदारी, कृषि यंत्रों पर अनुदान की राशि बढ़ायी गयी पटना : किसान खेतों में फसल अवशेष को नहीं जलाएं, यह सरकार की प्राथमिकता में है. कृषि विभाग इस काम में तो लगा है, लेकिन अब जिलाधिकारी को भी इसकी निगरानी से जोड़ा गया है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारी से कहा है […]
जिलािधकािरयों को दी गयी जिम्मेदारी, कृषि यंत्रों पर अनुदान की राशि बढ़ायी गयी
पटना : किसान खेतों में फसल अवशेष को नहीं जलाएं, यह सरकार की प्राथमिकता में है. कृषि विभाग इस काम में तो लगा है, लेकिन अब जिलाधिकारी को भी इसकी निगरानी से जोड़ा गया है.
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारी से कहा है कि इस बात की निगरानी करें कि किसान खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाएं. इधर, कृषि विभाग इसको रोकने के लिए हैपी सीडर के साथ-साथ स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर पर अनुदान की राशि बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया है. राज्य में पहले किसान खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाते थे, लेकिन जब से कंबाइन हार्वेस्टिंग का प्रचलन बढ़ा है, तब से किसान खेतों में ही फसल अवशेष जलाने लगे हैं. पंजाब की तरह राज्य में भी यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है.
इसको देखते हुए कृषि विभाग ने एहतियातन कई कदम उठाये हैं. कृषि मंत्री अपने हर कार्यक्रम में किसान से खेत में फसल अवशेष नहीं जलाने की अपील कर रहे हैं. जलवायु के साथ-साथ मिट्टी के लिए भी यह नुकसानदेह है. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है. इधर, कृषि विभाग ने इसे निबटने के लिए हैपी सीडर, स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर पर अनुदान 60 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया है.
इस मशीन से क्या होगा फायदा
स्ट्रा रीपर कम कंवाइडर फसल काटने के साथ-साथ डंठल का गट्ठर भी बनाते जाता है. इसकी कीमत डेढ़ से दो लाख है. स्ट्रा बेलर में फसल काटने के साथ-साथ इसके अवशेष को जमीन में मिलाते जाता है. इसकी भी कीमत दो से ढाई लाख है. इसके अलावा हैपी सीडर पर भी 80 फीसदी अनुदान है. कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने बताया कि किसान फसल अवशेष को खेतों में नहीं जलाएं, इसलिए संबंधित उपकरणों पर अनुदान की राशि बढ़ायी गयी है.
सोलर पंप पर भी 80% अनुदान देने की तैयारी
सरकार किसानों को पटवन के लिए अलग से कृषि फीडर बनाकर बिजली देने की तैयारी में तो है ही, अब सोलर पंपसेट पर भी 80 प्रतिशत अनुदान देने की तैयारी की जा रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार विभाग में इसको लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है. जल्द ही इस तरह का प्रस्ताव सरकार के पास कृषि विभाग भेजेगा. सोलर पंप को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है.
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