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विश्वविद्यालयोें में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं – राज्यपाल

पटना : विश्वविद्यालयोें में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है. जिन लोगों की इसमें संलिप्तता होगी, उनकी जगह विवि में नहीं, बल्कि कहीं और होगी. उक्त बातें राज्यपाल लालजी टंडन ने कहीं. वे बुधवार को तिलका मांझी भागलपुर विवि के संयोजन में राजधानी के एक होटल में आयोजित शोध कार्यों में गुणवत्ता विकास पर […]

पटना : विश्वविद्यालयोें में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है. जिन लोगों की इसमें संलिप्तता होगी, उनकी जगह विवि में नहीं, बल्कि कहीं और होगी. उक्त बातें राज्यपाल लालजी टंडन ने कहीं. वे बुधवार को तिलका मांझी भागलपुर विवि के संयोजन में राजधानी के एक होटल में आयोजित शोध कार्यों में गुणवत्ता विकास पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कुलपतियों और शिक्षकों को समाज के प्रति जवाबदेह बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि शिक्षक और कुलपति जवाबदेह होंगे, तो राष्ट्र का उदय होगा.

राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास एवं इसमें सुधार के प्रयासों को तेज करने के लिए हमें भारतीय संस्कृति की मूल जड़ों में समाहित विचार संपदा के आलोक में ही रास्ते तलाशने होंगे.
ये थे मुख्य वक्ता : वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जगदीश कृष्णास्वामी, प्रो संगीत कुमार रागी (दिल्ली विवि), प्रो भूषण पटवर्द्धन (वाइस चेयरमैन, यूजीसी) तथा डॉ एके चक्रवर्ती (हेड, सीएसआइआर- एचआरडीजी), प्रो० आरसी सोबती एवं डॉ अरुण कुमार रावत (परमर्शी, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, वज्ञिान एवं प्रावैधिकी मंत्रालय), डॉ० अशोक कुमार (रामजस कॉलेज, दिल्ली विवि), डॉ० अखिलेश मिश्रा (इंचार्ज, पॉलिसी रिसर्च सेल, डीएसटी) तथा डॉ हरि ओम यादव (सीएसआइआर).
शोध परियोजनाओं में बिहार की सहभागिता नहीं के बराबर
कार्यक्रम में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल रिसर्च के अध्यक्ष डॉ बीबी कुमार ने कहा कि आइसीएसएसआर की विभिन्न शोध परियोजनाओं में बिहारी के विद्यार्थी एवं शिक्षक की सहभागिता नहीं के बराबर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ हमने सिर्फ सूचना तंत्र को जोड़ा है.
फलत: हमारे शोध कार्यों में मौलिकता और सार्थकता नहीं आ पा रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक विडंबना है कि अत्यंत कोमल और भावुक बच्चों को हम अपने शिक्षण संस्थानों से ज्यादातर एक क्रूर और उग्र युवा बनाकर निकालते हैं. डॉ कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षा पर हम गंभीरता से सोचें.
उन्होंने कहा कि समाजशास्त्रियों को ही थिंक टैंक के रूप में शिक्षा विकास के प्रयासों में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी होगी. राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में हमें सभी विश्वविद्यालयों को शिक्षा विकास के समान अवसर उपलब्ध कराने होंगे. शोध के बगैर शिक्षा का कोई महत्व नहीं है.
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा बेहतर हो. सबकुछ नियमित हो, इसके लिए पैसे व संसाधन की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का स्तर नहीं सुधरा और शोध कार्यों की गुणवत्ता नहीं बढ़ी. हाल के दिनों में काम में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की गयी है.
ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. इसलिए विश्वविद्यालय में पढ़ाई हो. कुलपति और शिक्षक अपने काम में नियमित रहें. रजिस्टर पर छात्र-छात्राओं की संख्या नहीं, कॉलेजों में पढ़ाई दिखनी चाहिए.
परीक्षा के तुरंत बाद छात्र-छात्राआें को प्रमाणपत्र मिले, इसके लिए किसी को पैसे नहीं देना पड़े. अगर यह व्यवस्था सभी कॉलेजों में नियमित हो जायेगी, तो एक से डेढ़ साल में सबकुछ बदल जायेगा. बिहार का नाम शिक्षण के क्षेत्र में पू्र्व की तरह फिर से देश-दुनिया में लाेगों की जुबान पर होगा. राज्यपाल ने कहा कि हम वहां रहते हैं, जहां के विश्वविद्यालय में देश ही नहीं, विदेश से भी छात्र पढ़ने आते थे. हमें अपने वैसे लोगों को याद करनी चाहिए, जो शिक्षा जगत में आज भी सम्मानित हैं.

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