पटना : राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को समय पर परीक्षाफल प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. परीक्षाफल के बाद दीक्षांत समारोह कर डिग्री वितरण का भी आदेश सभी कुलपतियों को दिया गया. राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि पूर्व लंबित परीक्षाओं को इस वर्ष का शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व हर हालत में आयोजित कर लिया जाना चाहिए.
मालूम हो कि 14 मार्च को राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक में समीक्षा के दौरान यह पाया गया था कि अंतर स्नातक स्तर की दो परीक्षाएं मगध विश्वविद्यालय बोधगया में, तीन परीक्षाएं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में, पांच परीक्षाएं जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में, तीन परीक्षाएं बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में एवं तीन परीक्षाएं बाबासाहेब भीमराव अाम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में आयोजित नहीं हो पायी हैं. इसी तरह स्नातकोत्तर स्तर की चार परीक्षाएं मगध विश्वविद्यालय बोधगया में, दो परीक्षाएं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में, चार परीक्षाएं जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में,
तीन परीक्षाएं बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में, दो परीक्षाएं तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर में और तीन परीक्षाएं बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में अभी आयोजित होनी हैं.
दीक्षांत समारोह के लिए तिथि करें प्रस्तावित
कुलाधिपति ने इन सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कहा है कि यथाशीघ्र इन पूर्व लंबित परीक्षाओं का आयोजन करते हुए परीक्षाफल प्रकाशित कर दें.
इस वर्ष अभी तक दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं करनेवाले तीन विश्वविद्यालयों वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा एवं मगध विश्वविद्यालय, बोधगया भी यथाशीघ्र दीक्षांत समारोहों के लिए तिथियां प्रस्तावित करते हुए राज्यपाल सचिवालय का अनुमोदन प्राप्त कर लें.
राज्यपाल ने अभी तक गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं करनेवाले पांच विश्वविद्यालयों मगध विश्वविद्यालय बोधगया, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय तथा मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आवश्यकतानुसार गेस्ट फैकल्टी के रूप में निर्धारित प्रक्रिया के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां करने का आदेश दिया है. राज्यपाल ने निर्देशित किया है कि बायोमीटरिक उपकरणों के जरिये शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों की हाजिरी की सतत समीक्षा होनी चाहिए.