पटना: हर जिले में महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) खुलेगा. राज्य में कौशल विकास की भरपूर संभावना है. अगले पांच साल में सरकार एक करोड़ लोगों का कौशल विकास करेगी. इससे लोगों की आमदनी में चार गुनी तक वृद्धि होगी. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को महिला आइटीआइ दीघा के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करते हुए कहीं.
मानव विकास के लिए रोड मैप जल्द : उन्होंने कहा कि 10 लाख महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा रहा है. इससे सवा करोड़ महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. अब तक एक लाख समूह का गठन किया जा चुका है. राज्य में गठित मानव विकास मिशन का लक्ष्य शिक्षा व स्वास्थ्य में सुधार के साथ कौशल विकास पर जोर देना है. मानव विकास के लिए रोड मैप बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. बिहार विकसित राज्य बनेगा. यहां से लोग बाहर नहीं, बल्कि बाहर के लोग यहां आकर काम करेंगे. प्रमंडल स्तर पर राज्य में अभी 12 महिला आइटीआइ हैं. सभी का अपना भवन होगा. साथ ही प्रत्येक आइटीआइ में खास ट्रेड होगा.
मनरेगा मजदूरों को मिलेंगे 162 रुपये : पंचायत स्तर पर हाइस्कूल खुलेंगे. अभी 14 लाख लड़के -लड़कियों को हर साल साइकिल दी जा रही है. इनकी संख्या और बढ़ेगी. इससे साइकिल मरम्मत करनेवालों की मांग बढ़ेगी. आइटीआइ के छात्र-छात्रओं को नौकरी पानेवाले से अधिक नौकरी देने पर ध्यान देना चाहिए.
केंद्र सरकार मनरेगा का ढोल पीटती है, लेकिन मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही. राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 162 रुपये तय किया है. केंद्र के न्यूनतम मनरेगा मजदूरी में राज्य सरकार अपनी राशि देगी.
समारोह को दीघा की विधायक पूनम देवी ने भी संबोधित किया. स्वागत श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव एके चौहान व धन्यवाद ज्ञापन नियोजन एवं प्रशिक्षण के निदेशक एके मल्लिक ने किया. कार्यक्रम का संचालन उप प्राचार्या सुगंधा ने किया. मौके पर बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद, एके चटर्जी, संस्थान की प्राचार्या आशा सिंह व पटना नगर निगम के मेयर अफजल इमाम सहित कई लोग मौजूद थे.