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पटना : लोकप्रियता के साथ सत्ता में शामिल हुए डॉक्टर, खिलाड़ी और कलाकार
पटना : राज्य की सत्ता की राजनीति ने सभी विधा के लोगों को आकर्षित किया है. राजनीति का पेशा नहीं करने वाले दूसरे क्षेत्र के लोग भी अपनी लोकप्रियता चढ़ने के साथ राजनीति में खींचते चले आये. जनता ने उनकी लोकप्रियता को स्वीकार किया और सत्ता में शामिल होने के लिए चुनाव में मुहर भी […]
पटना : राज्य की सत्ता की राजनीति ने सभी विधा के लोगों को आकर्षित किया है. राजनीति का पेशा नहीं करने वाले दूसरे क्षेत्र के लोग भी अपनी लोकप्रियता चढ़ने के साथ राजनीति में खींचते चले आये. जनता ने उनकी लोकप्रियता को स्वीकार किया और सत्ता में शामिल होने के लिए चुनाव में मुहर भी लगायी. जब 2019 के लोकसभा चुनाव की चर्चा हो रही है तो डाॅक्टर, खिलाड़ी और कलाकार फिर से मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. चुनावी राजनीति में चिकित्सकों, खिलाड़यों से अधिक संख्या में कलाकार आकर्षित हुए हैं.
इनको लोगों ने समर्थन भी दिया है. बिहार में चिकित्सा पेशा से राजनीति का दरवाजा डाॅ सीपी ठाकुर ने खोला. इसी तरह स्व डाॅ मदन प्रसाद जायसवाल और उनके पुत्र डाॅ संजय जायसवाल लोकसभा सदस्य बने.
इस लोकसभा चुनाव में भी कुछ चिकित्सक अपनी सीट को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं. कोसी स्नातक क्षेत्र से डाॅ एनके यादव भी विधान परिषद के सदस्य बने हैं. खिलाड़ियों में पूर्व मुख्यमंत्री स्व भागवत झा आजाद के पुत्र और क्रिकेट खिलाड़ी कीर्ति झा आजाद को दरभंगा से जीत हाथ लगी. इसी तरह से कलाकारों को देखा जाये तो फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को लगातार सफलता मिलती रही. कुणाल सिंह और शेखर सुमन ने भी अपनी किस्मत आजमायी. इस क्षेत्र में चित्रकला से किसी को मुकाम नहीं मिला है.
इसमें संगीत कलावाले कलाकारों को स्थान मिली. लोकगीत गाते-गाते मनोज तिवारी दिल्ली से सांसद बन गये तो गीत लिखने वाले विनय बिहारी दो बार से लौरिया विधानसभा क्षेत्र से बिहार विधानसभा के सदस्य बने. चुनावी मैदान में अब भी कई कलाकार हाथ आजमाना चाह रहे हैं. 2019 का लोकसभा चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव ऐसे कलाकारों का इंतजार कर रहा है.
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