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पटना : मछली पर रोक से कारोबारियों के 16 करोड़ फंसे

75 से अधिक थोक कारोबारियों ने आंध्र प्रदेश में दिया था मछली का ऑर्डर पटना : पटना नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार की मछलियों की बिक्री पर रोक लगने से बाजार समिति के मछली के थोक विक्रेताओं का 16 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी फंस गयी है. कारोबारियों के अनुसार आंध्र प्रदेश से […]

75 से अधिक थोक कारोबारियों ने आंध्र प्रदेश में दिया था मछली का ऑर्डर
पटना : पटना नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार की मछलियों की बिक्री पर रोक लगने से बाजार समिति के मछली के थोक विक्रेताओं का 16 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी फंस गयी है. कारोबारियों के अनुसार आंध्र प्रदेश से आनी वाली मछलियों के लिए कम से कम एक सप्ताह पहले ऑर्डर देना होता है. जिन कारोबारियों ने ऑर्डर दे दिया है, उनकी पूंजी फंस गयी है.
संगठन की मानें तो लगभग 75 से अधिक कारोबारियों ने आंध्र प्रदेश के मछली कारोबारियों को ऑर्डर दिया था, जिनके ट्रक रास्ते में हैं. अगले तीन दिन में उस ट्रक के पटना पहुंचने पर क्या होगा, इसको लेकर कारोबारी चिंतित हैं. जानकारी के अनुसार एक थाेक व्यवसायी लगभग 20 लाख अधिक का आयकर का भुगतान करते हैं.
कारोबारियों के अनुसार पटना नगर निगम क्षेत्र सहित आसपास के इलाके में पांच हजार से अधिक दुकानें हर दिन लगती हैं. सरकार की ओर से मछलियां के बिक्री पर रोक के बाद मंगलवार को एक भी दुकान नहीं खुली. मंडियों में सन्नाटा पसरा रहा. राजापुर पुल, राजा बाजार, मछुआ टोली, भुतनाथ रोड, कंकड़बाग ऑटो स्टैंड, हड़ताली मोड़, जक्कनपुर, चिरैयाटांड़ आदि इलाकों में सन्नटा रहा.
छह सौ मजदूरों पर संकट
बाजार समिति थोक मंडी में लगभग छह सौ से अधिक मजदूर हैं जो दिहाड़ी पर काम करते हैं. बाजार बंद होने के कारण उनके ऊपर भी संकट आ गया है. ये मजदूर मछली उतारे-चढ़ाने से लेकर तौलने का काम करते हैं. कारोबारी सुरेश राय ने बताया कि काम की बंद हो गया है तो कौन मजदूरी देगा. अनिल साहनी कहते हैं कि बहुत से ऐसे मजदूर हैं जो साठ साल से अधिक आयु के हैं. 18 को पैदल मार्चबिहार मछली व्यवसायी संघ के अध्यक्ष अनुज कुमार ने बताया किसरकार के फैसले के विरोध में 18 जनवरी को पूरे सूबे से मछली कारोबार से जुड़े लगभग 50 हजार से अधिक कारोबारी पटना में अायोजित पैदल मार्च, धरना और प्रदर्शन में भाग लेंगे.
उनके अनुसार 17 जनवरी से ही कारोबारियों का आना शुरू हो जायेगा. पैदल मार्च बाजार समिति से होते हुए गर्दनीबाग धरना स्थल तक जायेगा.
यहां है थोक मंडी
दो टन सप्लाइ होटल में : पटना और आसपास के इलाके के होटल में लगभग दो टन मछलियों की सप्लाइ होती है. बिक्री पर रोक के बाद मांसाहारी होटल मालिकों के समक्ष भी संकट पैदा हो गया है. करबिगहिया के होटल कारोबारी मिथिलेश ने कहा कि लगभग एक माह से बर्ड फ्लू के कारण पहले से ही चिकेन बंद है. अब मछलियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद मछली भी ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है.
क्या कहते हैं…
मछलियों के बिक्री पर रोक कोई तालिबानी फरमान से कम नहीं है. कारोबारियों को समय देना चाहिए था. सरकार तुरंत प्रतिबंध हटाये, नहीं तो आंदोलन झेलने को तैयार रहे.
– धनंजय कुमार सिंह, थोक विक्रेता, पटना
पिछले 25 सालों से मछली कारोबार से जुड़ा हुआ हूं. लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है. जब सरकार जांच के नाम पर मछलियों के कारोबार पर रोक लगा दिया है.
-तमन्ना रहमान, थोक विक्रेता
आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियां की सरकार जांच कराये. अगर दोषी पाये जाते हैं, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए. जिंदा मछलियों पर भी प्रतिबंध लगाना सही नहीं है.
– दिलीप कुमार साहनी, मछली विक्रेता
सरकार ने मछलियों की जांच किस प्रकार की है यह तो पता नहीं. केवल दो मिनट के अंदर जांच हो जाता है. तो फिर जांच रिपाेर्ट आने में दो सप्ताह से अधिक समय क्यों लगा.
– अनुज कुमार, अध्यक्ष, बिहार मछली व्यवसायी

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