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पटना : तीन दिनों की काउंसेलिंग, 6400 सीटें अब भी खाली
पीपीयू पीजी एडमिशन. सीईटी में शामिल हुए थे करीब पांच हजार परीक्षार्थी, सफल हुए मात्र 3317 पीपीयू में काउंसेलिंग हुई समाप्त पटना : पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के पीजी में एडमिशन के लिए चल रही काउंसेलिंग प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गयी है. अंतिम दिन 731 स्टूडेंट्स को काउंसेलिंग के लिए बुलाया गया था. इनमें अधिकांश लोगों […]
पीपीयू पीजी एडमिशन. सीईटी में शामिल हुए थे करीब पांच हजार परीक्षार्थी, सफल हुए मात्र 3317
पीपीयू में काउंसेलिंग हुई समाप्त
पटना : पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के पीजी में एडमिशन के लिए चल रही काउंसेलिंग प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गयी है. अंतिम दिन 731 स्टूडेंट्स को काउंसेलिंग के लिए बुलाया गया था. इनमें अधिकांश लोगों ने एडमिशन ले लिया है. तीन दिनों तक चलनेवाली काउंसेलिंग प्रक्रिया में करीब 2600 स्टूडेंट्स ने भाग लिया. इनमें दो हजार सीटों पर अब तक एडमिशन हो चुका है. हालांकि 6400 सीटें अब भी खाली हैं.
पीजी टेस्ट के आधार पर आये रिजल्ट के अनुसार करीब नौ हजार सीटों के लिए 3317 परीक्षार्थी सफल हुए थे. काउंसेलिंग के बाद कागजात का वेरिफिकेशन होगा. इसके बाद एलाॅट की गयी सीटों पर एडमिशन होगा. अभी एडमिशन प्रक्रिया में देरी होने के कारण 20 दिसंबर को होने वाली इंडक्शन मीट को रद्द कर दिया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा की इंडक्शन मीट को अपरिहार्य कारणों से रद्द किया गया है.
यूनिवर्सिटी के पीजी विभाग में हैं 30-30 सीटें : पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी ने पहली बार में 11 पीजी विभागों हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, वनस्पति शास्त्र, जंतु शास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र, वाणिज्य में पढ़ाई शुरू की है. सभी पीजी विभागों में 30-30 सीटों पर एडमिशन हुआ है. कई विषयों में सीटें अब भी खाली हैं. 11 नये पीजी विभागों के साथ कॉलेजों में चल रहे पीजी सेंटर्स में एडमिशन हुआ है. इनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथिली, पॉलिटिकल साइंस, पाली, समाजशास्त्र, भूगोल, म्यूजिक, मनोविज्ञान व गृह विज्ञान शामिल हैं.
पटना. पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी का जिस कारण गठन हुआ, उसी मकसद में यूनिवर्सिटी फेल हो गयी. यूनिवर्सिटी में पीजी में एडमिशन के लिए काउंसेलिंग प्रक्रिया समाप्त हो गयी. लेकिन आधी सीटें भी यूनिवर्सिटी की नहीं भर पायी. पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी पीजी में एडमिशन के लिए प्रक्रिया काफी लेट शुरू की. पीपीयू प्रशासन का कहना है कि मगध यूनिवर्सिटी के कारण पीजी में एडमिशन प्रक्रिया लेट शुरू हुई है.
क्योंकि पार्ट थर्ड का एग्जाम नहीं हो पाया था. अब एग्जाम हुआ है, तो एमयू पार्ट थर्ड के स्टूडेंट्स का रिजल्ट आने के बाद एडमिशन हो जायेगा. पीपीयू ने पीजी की नौ हजार से अधिक सीटों पर एडमिशन के लिए पीजी सीईटी का आयोजन किया था. पांच हजार से अधिक आवेदन आये था, जो सीटों से काफी कम था. टेस्ट में 3317 स्टूडेंट्स सफल हो पाये. इसमें भी अभी तक 26 सौ लोग ही काउंसेलिंग प्रक्रिया में शामिल हुए. विशेषज्ञों की माने तो पीजी में दिसंबर का समय एडमिशन लेने का नहीं है. विशेषज्ञ ने कहा कि इसमें एमयू या किसी दूसरे यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स शामिल हुए होंगे, जिनका सेशन लेट होगा या रिजल्ट लेट से आया होगा.
एमयू के स्टूडेंट्स को मिल सकता है मौका
पीपीयू प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि एमयू ग्रेजुएशन फाइनल इयर के स्टूडेंट्स को एडमिशन का मौका मिल सकता है. क्योंकि काफी सीटें खाली है. एमयू से ही अलग हो कर पीपीयू बना है. इस कारण एमयू फाइनल इयर के स्टूडेंट्स को पीजी में एडमिशन का मौका मिलेगा. रिजल्ट आने के बाद पीजी में एडमिशन का मौका मिलेगा.
अलग-अलग कॉलेजों में शुरू होगी पीजी की पढ़ाई
मीडिया प्रभारी डॉ बीके मंगलम ने कहा कि बॉटनी व जूलॉजी विषयों में पीजी की पढ़ाई टीपीएस कॉलेज में होगी. फिजिक्स, केमिस्ट्री, मनोविज्ञान और भूगोल की पढ़ाई एएन कॉलेज में होगी. वहीं हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, वाणिज्य, इतिहास और गणित की पढ़ाई कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस में होगी. कुलपति प्रो जीसीआर जायसवाल ने कहा कि हर महीने पीजी की पढ़ाई की मॉनीटरिंग की जायेगी. शिक्षकों की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा.
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