30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पीयू छात्रसंघ चुनाव पर पीके का इफेक्ट, बाजी पलटकर नीतीश कुमार की कसौटी पर भी खरे उतरे

जदयू में फील गुड पटना : पटना विश्वविद्यालय (पीयू) छात्रसंघ चुनाव में पीके ने अपना साफ इफेक्ट दिखा दिया. छात्र राजनीति की प्रयोगशाला में जेडीयू की एेतिहासिक जीत से जदयू पर सकारात्मक असर दिख रहा है. छात्र राजनीति से निकलकर देश की राजनीति में छाने वाले नीतीश कुमार की आशा के अनुरूप यह परिणाम आया. […]

जदयू में फील गुड
पटना : पटना विश्वविद्यालय (पीयू) छात्रसंघ चुनाव में पीके ने अपना साफ इफेक्ट दिखा दिया. छात्र राजनीति की प्रयोगशाला में जेडीयू की एेतिहासिक जीत से जदयू पर सकारात्मक असर दिख रहा है. छात्र राजनीति से निकलकर देश की राजनीति में छाने वाले नीतीश कुमार की आशा के अनुरूप यह परिणाम आया. युवाओं का मूड भांपने में प्रशांत किशोर सफल रहे.
कैंपस पालिटिक्स में बाजी ही पलट दी. वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कसौटी पर भी खरे उतरे हैं. पीयू चुनाव में छात्र राजनीति में जदयू बहुत प्रभावी नहीं थी. एबीवीपी और राजद के विपरीत जदयू की छात्र विंग यूनिवर्सिटी में पहचान को संघर्षरत थी. इस चुनाव से पहले वह औपचारिक रूप से ही मैदान में उतर रही थी.
पहली जिम्मेदारी रही सफल : प्रशांत किशोर ने यह साबित कर दिया है कि नीतीश कुमार ने पार्टी नेता के रूप में जो पहली जिम्मेदारी दी थी वह सफल रही. पीयू चुनाव में उनकी रणनीति इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि पीयू में करीब बीस हजार वोटरों में से करीब 130 वोटर ही जदयू के सक्रिय सदस्य थे.
एबीवीपी के पास इनकी संख्या करीब 1700 थी. 11 अक्टूबर को बापू सभागार में जदयू के छात्र सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को युवा और कैंपस पालिटिक्स में जदयू की छाप छोड़ने का टास्क दिया था. छात्र राजनीति की उपज नीतीश कुमार द्वारा सौंपे गये टॉस्क को पूरा करने के लिये जो रणनीति तैयार की गयी उसने पूरे राज्य के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री आवास सात सर्कुलर रोड के दरवाजे खोल दिये. जदयू ने इसी दरवाजे से युवाओं के दिल में दस्तक दी.
पीयू से सधेगा 16 फीसदी पर निशाना, भाजपा के वोट पर सेंधमारी : नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर दांव लगाकर यह संकेत दिया है कि वह लंबे दौर की राजनीति में रुचि रखते हें. उनकी रणनीति जदयू को सर्वसमाज की पार्टी बनाना है. इसके लिये वह युवाओं पर फोकस करने वाली दीर्घकालीन नीति पर काम कर रहे हैं. पीयू का चुनाव इसका एक प्लेटफार्म है. लोकसभा चुनाव की आहट हो गयी है.
बिहार के कुल वोटरों में 16 फीसदी युवा हैं. 18 से 25 साल के इन युवाओं को लालू के राज की अधिक जानकारी नहीं हैं. ऐसे में इन युवाओं को कैंपस पॉलिटिक्स के जरिये ही जदयू से जोड़ा रखे जा सकता है. इस चुनाव का दूसरा पहलू यह है कि जदयू के विजेता उम्मीदवार फारवर्ड जाति से हैं. बीजेपी अगड़ों को अपना वोट बैंक मानती है. इस तरह इसे भाजपा के वोटरों में सेंधमारी के रूप में भी देखा जा रहा है.
ऐसे बढ़े पीके के कदम…
प्रशांत किशोर ने 11 अक्तूबर को प्रदेश भर के छात्रों से मिले. उनको सीधे संपर्ककरने को कहा. इससे प्रदेश भर के छात्र रोजाना सैकड़ों की संख्या में उनसे मिलने आते. वह छात्रों को रुचि और क्षमता के हिसाब से जिम्मेदारी देते. राज्य स्तर के पदाधिकारियों को 200 और जिला स्तर के पदाधिकारियों को 100 सक्रिय युवाओं को जोड़ने का टास्क भी बड़े काम आया.
युवाओं की नौकरी आदि से जुड़ी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया. कैंपस में दर्जनों सभाएं की. विश्विद्यालय से जुड़े पार्टी के नेताओं विशेषकर एमएलसी डाॅ रणवीर नंदन आदि के साथ अनगिनत बैठक की. छात्रों का मूड भांपकर जदयू के प्रचार-प्रसार की तैयारी की गयी. प्रशांत किशोर से पहले जदयू में राष्ट्रीय स्तर के किसी भी नेता ने विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी. पीके के आने से युवाओं में जोश पैदा हुआ. उनमें संदेश गया कि अच्छा काम करने वाले को पीके नेता बनाने में पीछे नहीं रहेंगे.
1000 नेता बनाने का टास्क लेकर पीके ने युवाओं के मन में यह बात बैठा दी कियुवाओं का जदयू के साथ ही सियासी भविष्य है. एबीवीपी, एनसयूआई, एसएफआई और आरजेडी, पप्पू यादव का छात्रों पर कितना प्रभाव है इसका आकलन किया गया. इसके बाद उन छात्र नेताओं को चुन-चुनकर जदयू से जोड़ा गया जो कैंपस की राजनीति में पूरा दखल रखते हैं. अन्य संगठनों से जो नाराज हैं अथवा हाशिए पर हैं.
भाजपा-जदयू में पैदा हो गयी खटास
पटना : पीयू का छात्र संघ चुनाव भाजपा और जदयू के बीच खटास पैदा कर गया. अध्यक्ष पद पर जीत के लिए जदयू ने जो रणनीति बनायी उसने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जमे जमाये नेताओं के आगे मुश्किल पैदा कर दी.
नतीजा यह रहा कि सरकार में साथ होने के बाद भी भाजपा के नेताओं ने सड़क पर जदयू नेता के खिलाफ आरोपों की आग खूब उगली. धरना तक दिया.
यहां तक कहा गया कि प्रशासन जदयू के इशारे पर काम कर रहा है. वहीं जदयू ने आरोप लगाया कि उनकी जीत से भाजपा घबरा गयी है. दोनों ही दलों के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी ने भाजपा और जदयू के बीच के मतभेद को सार्वजनिक कर दिया है.
– भाजपा नेताओं ने जदयू को असहज किया
मुख्यमंत्री के करीबी प्रशांत किशोर के खिलाफ भाजपा नेताओं ने जिस तरह से प्रदर्शन किया उसने जदयू को भी असहज कर दिया. भाजपा के मंत्री और संगठन के आला पदाधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी.
इस मामले में भाजपा और जदयू के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पीयू छात्र संघ चुनाव में अभाविप और जदयू के बीच कांटे टक्कर थी. नीतीश कुमार इसमें जदयू की जीत का टास्क अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष काे पहले ही दे चुके थे. प्रशांत किशोर ने इस चुनाव में पूरी रुचि ली तो भाजपा के नेताओं को यह अखरने लगा.
मतदान से पहले कुलपति से मिलने पहुंचे पीके के खिलाफ नारेबाजी की और उनकी गाड़ी पर पत्थर तक फेंके गये. जदयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पर कार्रवाई करानेे के लिए भाजपा विधायक नितिन नवीन, संजीव, महामंत्री राजेंद्र सिंह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल वर्मा ने थाना पीरबहोर में धरना तक दिया. बिहार में भाजपा की पहली पंक्ति केे नेताओं ने सहयोगी दल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पार्टीजनों को न तो रोका और नहीं टोका. भाजपा के शीर्ष नेता चुपचाप इसे देखते रहे.
अब अभाविप ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने धन और बाहुबल का प्रयोग करते हुए जदयू को अध्यक्ष पद पर जीत दिलायी है. हालांकि जीत के बाद जदयू नेताओं ने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को बधाई देकर जवाब दिया.
पटना : सीएम के विजन से मिली जीत : रणवीर
पटना : जदयू पीयू छात्र संघ चुनाव में मिली जीत जश्न मना रही है. विजयी प्रत्याशियों ने गुरुवार को छात्र जदयू प्रभारी सह विधान पार्षद रणवीर नंदन के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ अपनी खुशी को साझा किया.
पार्टी के नेताओं ने विजेताओं को बधाई के साथ आगे की जिम्मेदारी निभाने को गुरुमंत्र दिये. हारे हुए उम्मीदवारों के आरोपों को दरकिनार करते हुए विधान पार्षद रणवीर नंदन ने कहा कि चुनाव खत्म होने के साथ ही दुश्मनी खत्म हो गयी.
अब सभी को मिलकर यूनिवर्सिटी को संवारना है. उनका कहना था कि छात्र जदयू के कार्यकर्ता छह माह से मेहनत कर रहे थे. नीतीश कुमार ने शिक्षा और छात्रहित को जो योजनाओं शुरू की छात्रों ने उनको आत्मसात किया है. जदयू की जीत महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण है. छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्याम पटेल ने बधाई देते हुए कहा कि असल बधाई के पात्र वही हैं जिन्होंने छात्र जदयू पर भरोसा किया. कैंपस में शैक्षणिक , स्पोर्ट्स , सांस्कृतिक – सामाजिक वातावरण बनाने को हमारे जीते हुए प्रतिनिधि पूरी तन्मयता से कार्य करेंगे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जदयू की जीत मुख्यमंत्री के विजन, प्रशांत किशोर के कुशल मार्गदर्शन, छात्र जदयू के प्रभारी डॉ रणबीर नंदन की लगन उम्मीदवारों की मेहनत और छात्र-छात्राओं के विश्वास की जीत है. युवा जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह सेतु ने कहा कि पीयू छात्रसंघ चुनाव में छात्रों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राजनीति में भ्रष्टाचार की नहीं सदाचार की ही महत्ता है.
हक की आवाज उठाने वाला संगठन
विद्यार्थी परिषद ने पांच सीटों में से तीन सीट जीतकर यह साबित कर दिया कि छात्रों के बीच काम करके उनके हक की आवाज उठाने वाला संगठन है.
सीमित संसाधन, कड़े संघर्ष व कठिन परिश्रम के बल पर अपने दम पटना विश्वविद्यालय में परचम लहराया. यह बातें भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक नितिन नवीन ने गुरुवार को कहीं. नितिन नवीन ने विद्यार्थी परिषद की जीत पर बधाई दी है. बधाई देने वालों में संजीव चौरसिया, दुर्गेश कुमार सिंह, राजेश सिन्हा, बलराम सिंह, संजय गुप्ता आदि शामिल थे.
किसे कितने वोट मिले
– अध्यक्ष पद
मोहित प्रकाश-3477 (छात्र जदयू)
अभिनव कुमार-2266 (एबीवीपी)
भाग्य भारती-1940 (एलडीएफ)
सुजीत कुमार-1593 (छात्र जाप)
सैयद अली-855 (एनएसयूआई)
अभिषेक राज-286 (सीवाईएसएस)
मधुसूदन मुकुल-182 (रालोसपा)
राकेश प्रसाद -156(निर्दलीय)
राजीव कुमार-70 (एआईडीएसओ)
– उपाध्यक्ष
अंजना सिंह-2134 (एबीवीपी)
आशीष पुष्कर-1972 (छात्र जदयू)
सिमरन परवीन-1936 (सीवाईएसएस)
मानसी सिन्हा-1577 (छात्र जाप)
अभिषेक कुमार-1285 (निर्दलीय)
गगन कुमार-1133(छात्र राजद)
आदित्य दत्ता-401 (रालोसपा)
राहुल कुमार-252 (एनएसयूआई)
– महासचिव
मणिकांत मणि-2315 (एबीवीपी)
अंशिका कुमारी-2001 (निर्दलीय)
अदिति शाह-1894 (छात्र जदयू)
प्रियंका प्रियदर्शिनी-1834 (एलडीएफ)
रोशन कुमार-768 (छात्र जाप)
खुशबू कुमारी-684 (दिशा)
रोशन केशरी-524(निर्दलीय)
रोहित कुमार-338 (एनएसयूआई)
रवि कुमार-262 (सीवाईएसएस)
– संयुक्त सचिव
राजा रवि-2866 (एबीवीपी)
शौकत अली-2169(छात्र जाप)
ओसामा खुर्शीद-1532 (छात्र जदयू)
अरविंद कुमार-1167(एनएसयूआई)
तौसीफ अफाक-1033(एलडीएफ)
प्रतीक राजीव-1009 (निर्दलीय)
मनीष पासवान-398 (रालोसपा)
विद्यानंद पासवान-294 (सीवाईएसएस)
– कोषाध्यक्ष
कुमार सत्यम-2475 (छात्र जदयू)
सत्यम प्रकाश-2203 (एबीवीपी)
प्रत्यूष मंगलम-1712 (निर्दलीय)
मंदीप कुमार-1551 (छात्र जाप)
अंकित कुमार-025
कुमार विक्रांत-1022(एलडीएफ)
सौरव कुमार-661 (निर्दलीय)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें