Advertisement
पटना : 25 हजार से अधिक नर्सों के भविष्य से खिलवाड़
पटना : प्रदेश के संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं देने का नीतीश सरकार ने निर्णय लिया है. इसको लेकर तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. इसी के तहत विभिन्न विभागों में तैनात संविदाकर्मियों का पूरा ब्योरा मांगा गया था. यह ब्योरा उच्च स्तरीय समिति को मुहैया कराना है. अधिकतर विभागों […]
पटना : प्रदेश के संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं देने का नीतीश सरकार ने निर्णय लिया है. इसको लेकर तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है.
इसी के तहत विभिन्न विभागों में तैनात संविदाकर्मियों का पूरा ब्योरा मांगा गया था. यह ब्योरा उच्च स्तरीय समिति को मुहैया कराना है.
अधिकतर विभागों ने अपने यहां तैनात संविदाकर्मियों का विवरण तो दे दिया, परंतु कुछ विभाग अपने विभागों के संविदाकर्मियों का ब्योरा नहीं भेजा. इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उच्च स्तरीय समिति का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया.
बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सहित कुछ अन्य विभागों ने ब्योरा नहीं भेजा है. स्वास्थ्य विभाग के स्तर से संविदा पर तैनात नर्सों का ब्योरा नहीं भेजा गया है. इससे साफ है कि विभाग का रवैया यही रहा तो प्रदेश में संविदा पर काम कर रहीं 25 हजार से अधिक नर्सें सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं लेने से वंचित हो जायेंगी.
लापरवाह बना स्वास्थ्य विभाग
19 मई 2015 को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने सभी विभागों के प्रधान सचिवों व सचिवों को पत्र लिखा था. सामान्य प्रशासन विभाग ने उच्च स्तरीय समिति को संविदा पर तैनात कर्मचारियों से संबंधित तमाम जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा था. 20 बिंदुओं पर सभी विभागों से ब्योरा तलब किया गया था.
इसके बाद कई बार रिमाइंडर भी दिया गया. बावजूद इसके उद्योग विभाग ने इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन, कृषि विभाग ने जल छाजन, राजस्व विभाग ने भूदान यज्ञ कमेटी और स्वास्थ्य विभाग ने संविदा पर तैनात नर्सों का ब्योरा नहीं दिया था. सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति की ओर से संबंधित सभी विभागों को इसकी रिपोर्ट मांगी गयी.
बावजूद नहीं मिली. इन संविदाकर्मियों को छोड़ शेष को लेते हुए उच्च स्तरीय समिति ने सीएम को रिपोर्ट सात अगस्त को सौंप दी थी. काफी मंथन के बाद सीएम ने छूटे हुए कर्मचारियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया. उच्च स्तरीय समिति का तीन माह का कार्यकाल बढ़ाया गया. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने फिर सभी विभागों को पत्र लिखा. स्वास्थ्य विभाग ने नर्सों का ब्योरा नहीं भेजा है.
डाटा इंट्री ऑपरेटरों के लिए आज मिलेगा सुझाव
साढ़े आठ हजार से अधिक डाटा इंट्री ऑपरेटरों के लिए उच्च स्तरीय समिति ने जो भी अनुशंसाएं की हैं, उसको लेकर मुख्यमंत्री ने पुनर्विचार के लिए पिछले माह ही कहा था.
बेल्ट्रॉन के माध्यम से डेटा इंट्री ऑपरेटरों की सेवा के संदर्भ में सभी विभागों से परामर्श कर उच्च स्तरीय समिति को रिपोर्ट बनानी है. सभी विभाग के प्रधान सचिव, सचिव एक नवंबर को सुबह साढ़े दस बजे मुख्य सचिवालय के सभागार में उच्च स्तरीय समिति के सामने अपने सुझाव रखेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement