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पटना : विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन का रास्ता साफ
बोर्ड ने दी ओएसिस डाटा सुधारने की अनुमति छात्र व शिक्षक अनुपात का रखना होगा ध्यान पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध स्कूलों को ऑनलाइन एफिलिएटेड स्कूल इन्फाॅर्मेशन सिस्टम (ओएसिस) डाटा में सुधार करने का एक अवसर प्रदान किया है. बोर्ड के इस फैसले से कई छोटे-बड़े स्कूलों ने राहत की सांस […]
बोर्ड ने दी ओएसिस डाटा सुधारने की अनुमति
छात्र व शिक्षक अनुपात का रखना होगा ध्यान
पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध स्कूलों को ऑनलाइन एफिलिएटेड स्कूल इन्फाॅर्मेशन सिस्टम (ओएसिस) डाटा में सुधार करने का एक अवसर प्रदान किया है. बोर्ड के इस फैसले से कई छोटे-बड़े स्कूलों ने राहत की सांस ली है. साथ ही नौवीं व 11वीं कक्षा के अनेक विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल छात्रहित को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने यह फैसला लिया है.
बोर्ड ने एक सर्कुलर के माध्यम से स्कूलों के प्रचार्यों को संबंधित जानकारी देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं. उल्लेखनीय है कि ओएसिस डाटा भरने में गड़बड़ी के कारण कई छोटे-बड़े स्कूलों के विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था. इस संबंध में पिछले 06 अक्टूबर को प्रभात खबर में रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थी.
क्षेत्रीय कार्यालय से अनुमति लेनी होगी : बोर्ड की ओर से कहा गया है कि ओएसिस डाटा के अतिरिक्त जो विद्यार्थी हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. स्कूलों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा के अंदर ही पूरी करनी होगी. अतिरिक्त विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए संबंधित स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर अतिरिक्त विद्यार्थियों की जानकारी देकर अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा स्कूल को आवश्यक प्रमाण के साथ ओएसिस डाटा में खुद सुधार करना होगा.
इस क्रम में संबद्धता बायलॉज के अनुसार स्कूलों को विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, क्लास रूम का साइज, एक सेक्शन में विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या आदि का ध्यान रखना होगा. सूत्रों की मानें, तो क्लास रूम, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात आदि को लेकर बोर्ड काफी गंभीर है. समय-समय पर इसकी जांच की जायेगी. जांच के क्रम में यदि किसी स्कूल में गड़बड़ी पायी जाती है, तो कार्रवाई तय है.
क्या थी परेशानी
दरअसल, बोर्ड के निर्देश पर स्कूलों द्वारा ओएसिस के माध्यम से पहली से 12वीं कक्षा तक में विद्यार्थियों की संख्या, विभिन्न कक्षाओं में सेक्शन की संख्या समेत अन्य डिटेल्स मांगा था. स्कूलों की ओर से बोर्ड के तयशुदा फार्मेट में डिटेल्स भर कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया. जब रजिस्ट्रेशन का समय आया, तो बोर्ड ने स्कूल को उतने ही सेक्शन और विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति प्रदान की, जितना ओएसिस में भरा गया था. जानकारी के अनुसार स्कूलों ने ओएसिस को गंभीरता से नहीं लिया. ओएसिस का आंकड़ा देने के बाद भी कमाने के लिए सेक्शन बढ़ा कर एडमिशन ले लिया.
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