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पटना : अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह ने की थी अफसर की पत्नी से 80 लाख की ठगी
नाइजीरियन सहित दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार पटना : एक अधिकारी की पत्नी से 80 लाख रुपये की ठगी अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह ने की थी. आर्थिक अपराध इकाई ने नाइजीरियन युवक सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है. नाइजीरियन युवक को नई दिल्ली और दूसरे आरोपी को कोलकाता […]
नाइजीरियन सहित दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पटना : एक अधिकारी की पत्नी से 80 लाख रुपये की ठगी अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह ने की थी. आर्थिक अपराध इकाई ने नाइजीरियन युवक सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है.
नाइजीरियन युवक को नई दिल्ली और दूसरे आरोपी को कोलकाता से दबोचा. दोनों से साइबर अपराध से जुड़े कई अहम जानकारी और सबूत मिले हैं. बाग्लादेश और भारत के कई राज्यों की पुलिस इस गिरोह की तलाश में थीं. ईओयू दोनों को पुन: रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
पटना में प्रतिनियुक्ति पर तैनात केंद्रीय सेवा आला अधिकारी की पत्नी देबला देवी को एसएमएस, फेसबुक,व्हाटसएप, ईमेल के जरिये साइबर अपराधियों ने पच्चीस हजार पौंड ईनाम भेजने का झांसा देकर कई बार पैसों की मांग की. उच्चशिक्षित एवं कार्यरत देबला देवी लालच में आ गईं. उनसे 12 बैंकों के 18 खातों में 84 लाख 56 हजार 645 रुपये जमा करवाया गया. यह राशि चार माह में ठगी गयी. ठगी का शिकार होने के बाद पीड़िता ने पाटलीपुत्रा थाना में 27 जुलाई को (कांड संख्या 319/18 ) मामला दर्ज कराया. मामला अंतर्राष्ट्रीय साइबर गिरोह से जुड़ा होने पर आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया.
एएसपी सुशील कुमार के नेतृतव में मामले की जांच शुरू की गयी. अनुसंधान में प्राप्त खातों, मोबाइल नंबर और फेसबुक प्रोफाइल का तकनीकी विश्लेषण कर दो टीमों का गठन किया गया. उन्हें दिल्ली और कोलकाता भेजा गया. जबकि साइबर क्राइम सेल के अन्य पदाधिकारी और कर्मी उन्हें पटना से तकनीकी सहायता देते रहे. ईओयू की टीमों ने दिल्ली और कोलकाता में विभिन्न जगहों पर छापेमारी की.
दिल्ली से पहले मणिपुर के रहने वाले लालडिस्टक नाम के युवक को संदिग्ध मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी के साथ गिरफ्तार किया. उसके खाते में वादिनी देबला देवी के पैसे ट्रांसफर हो रहे थे. लालडिस्टक ने अंतिम बार आंध्रा बैंक नयी दिल्ली के अपने खाते में वादिनी देबला देवी से दो हजार रुपये का मनी ट्रांसफर कराया था. इसी आधार पर उसे चिह्नित करते हुए मुनिरिका नयी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. लालडिस्टक से पूछताछ और साइबर क्राइम सेल की तकनीकी टीम की कड़ियां जुड़ने पर पाया कि इस कांड में नाइजीरियन नागरिकों का भी हाथ है.
साइबर क्राइम सेल की टीम ने दूसरे साइबर अपराधी अगस्टिन ओडिक्को को जगदम्बा ओर्नामेंट्स हाउस, उत्तमनगर जैन रोड नयी दिल्ली से उस समय गरिफ्तार किया जब वह धोखाधड़ी के पैसे से सोने का जेवर खरीद रहा था. अगस्टिन ओडिक्को के पास से एक नाइजीरियन पासपोर्ट, चार मोबाइल, एक लैपटॉप, और अन्य संदिग्ध कागजात बरामद हुए. वह तीन वर्षों से बिना भारतीय वीजा के दिल्ली और पूरे भारत में घूम-घूमकर साइबर अपराध कर रहा था.
एडीजी की शाबाशी
साइबर अपराध के इस महत्वपूर्ण कांड की मॉनिटरिंग कर रहे अपर पुलिस महानिदेशक ईओयू ने जितेन्द्र सिंह गंगवार ने एएसपी सुशील कुमार, पुलिस निरीक्षक मदन प्रसाद सिंह, दारोगा सत्येन्द्र प्रसाद, दारोगा अवधेश कुमार, सिपाही सनातम कुमार, सिपाही इंदु सिन्हा को शाबाशी दी है.
कितनी राशि जमा करवायी
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स- 100000, केनरा बैंक-110000, कोटेक महिंद्रा बैंक 1065000, बंधन बैंक 447000, देना बैंक 110000, इंडियन बैंक 555000, एसबीआई 700000, फेडरल बैंक-1700000, एक्सिस बैंक- 250000, यूबीआई- 385000, बैंक ऑफ बडौदा- 295000, आंध्रा बैंक- 2000
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