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साइंस सेंटर में आर्यभट्ट से लेकर कलाम तक का दिखेगा विजन
पटना : राजधानी के सैदपुर में बन रही अंतरराष्ट्रीय साइंस सिटी में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट से लेकर पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम का विजन दिखेगा. विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने 397 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का संशोधित लक्ष्य रखा है. फिलहाल प्रोजेक्ट स्थल की […]
पटना : राजधानी के सैदपुर में बन रही अंतरराष्ट्रीय साइंस सिटी में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट से लेकर पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम का विजन दिखेगा. विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने 397 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का संशोधित लक्ष्य रखा है.
फिलहाल प्रोजेक्ट स्थल की बाउंड्री पूरी कर ली गयी है. भवन निर्माण को लेकर टेंडर की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. कंपनी फाइनल होते ही भवन निर्माण का काम शुरू कर दिया जायेगा. 20.48 एकड़ में तैयार हो रहे इस प्रोजेक्ट को राज्य सरकार ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम दिया है.
पांच महत्वपूर्ण थीम पर होगी आधारित : अंतरराष्ट्रीय साइंस सिटी पांच महत्वपूर्ण थीम पर आधारित होगी. हर थीम के लिए अलग-अलग दीर्घाएं होंगी, जो अत्याधुनिक और डिजिटल तकनीक से संचालित होंगी. कियोस्क व इंटरएक्टिव मशीनों के जरिये इसे रोमांचक बनाने का प्रयास किया जायेगा. पहले ‘ बेसिक साइंस’ थीम में रोचक तरीके से विज्ञान को समझाने की कोशिश होगी. दूसरी थीम ‘बॉडी एंड माइंड जिम’, तीसरा ‘ स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी ‘, चौथा ‘ एक्सपेरीमेंट लर्निंग ‘और पांचवां ‘ बी अ साइंटिस्ट ‘ होगी.
विशेषज्ञों की टीम तैयार कर रही प्रदर्श
साइंस सिटी में लगाये जाने वाली प्रदर्श (एक्जिबिट्स) का चयन विशेषज्ञों की कमेटी कर रही है. इस विशेषज्ञ समिति में इसरो के रिटायर्ड वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा, एनसीएसएम संस्कृति मंत्रालय के डीजी एएस मानेकर, एनसीएसएम के रिटायर्ड डीजी आइके मुखर्जी, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ विजय ए सिंह, कोलकाता विवि के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रो तुषारकांती घोष, साइंस सिटी कोलकाता के निदेशक एडी चौधरी, आईआईटी कानपुर में पर्यावरण अभियांत्रिकी के प्रोफेसर डॉ विनोद तारे आदि शामिल हैं.
तीन विदेशी एजेंसियां कर रहीं तैयार
अंतरराष्ट्रीय साइंस सिटी के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी तीन विदेशी एजेंसियों ने संभाल रखी है. सिंगापुर बेस्ड कंपनी फ्लाइंग एलिफेंट, कनाडा की कंपनी जीएसएम और यूके की कंपनी ब्लीड्स मिल कर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का काम कर रही हैं. मई महीने में इन कंपनियों ने मिल कर विशेषज्ञ समिति की बैठक कर प्रदर्श चुनाव का प्रयास किया.
अधिकारियों के मुताबिक विशेषज्ञ समिति का प्रयास है कि भारतीय इतिहास में हुए तमाम बड़े वैज्ञानिकों की तकनीक व खोजों को साइंस सिटी में जगह दी जाये. साथ ही वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे विज्ञान तकनीक को बच्चों तक कम्यूनिकेट करने का प्रयास हो.
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