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पटना : लोगों की जिंदगी को अपनी गिरफ्त में ले रहा कैंसर, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़

आनंद तिवारी पटना : कैंसर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. सामान्य रोगों के मरीजों की तरह अब कैंसर के मरीज भी सामने आने लगे हैं. स्थिति यह है कि चिकित्सा जगत में सबसे बड़ी बीमारी के तौर पर माने जाने वाला कैंसर रोग अब आम होता जा रहा है. प्रदेश के सबसे बड़े […]

आनंद तिवारी
पटना : कैंसर के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. सामान्य रोगों के मरीजों की तरह अब कैंसर के मरीज भी सामने आने लगे हैं. स्थिति यह है कि चिकित्सा जगत में सबसे बड़ी बीमारी के तौर पर माने जाने वाला कैंसर रोग अब आम होता जा रहा है.
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल हो या फिर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान. इन सभी अस्पतालों में कैंसर रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है. अस्पताल के ओपीडी में आने वाले साधारण बीमारियों की तरह कैंसर के भी मरीज आ रहे हैं.
महिलाओं की संख्या अधिक
बिहार में हर साल कैंसर के 90 हजार नये मरीज सामने आ रहे हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है. 90 हजार में 25 हजार ऐसे मरीज हैं, जिनकी मौत हर साल कैंसर से हो रही है. आईजीआईएमएस में हर साल 1000 नये कैंसर के मरीज आते हैं. सबसे अधिक गॉल ब्लाडर कैंसर के आ रहे हैं. यहां के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग ने अभी हाल ही में एक साल का आंकड़ा पेश किया है.
बीते एक साल में आईजीआईएमएस में 500 ऐसे मरीज आये, जिन्हें गॉल ब्लाडर कैंसर पाया गया. इन 500 में 450 मरीजों की मौत भी हो गयी. यह स्थिति पांच साल से लगातार चल रही है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
दुनिया का हर तीसरा कैंसर का मरीज तंबाकू का सेवन करता है. भारत में इसका सेवन लोग खैनी, गुटखा, पान मसाला, बीड़ी व सिगरेट के रूप में करते हैं. भारत में टीबी, एड्स से ज्यादा मरीज कैंसर के कारण मर रहे हैं. बिहार में कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है. अगर पेट में गैस की शिकायत हो, हल्का दर्द व खाना नहीं पचने की समस्या हो, तो अल्ट्रासाउंड या फिर सीटी स्कैन करा लें. मेनोपॉज की उम्र तक पैप स्मीयर टेस्ट कराते रहना चाहिए.
डॉ अरविंद कुमार, कैंसर रोग विशेषज्ञ
इन जिलों में तेजी से बढ़ रहा कैंसर
डॉक्टरों के मुताबिक बिहार के वैशाली, जहानाबाद, औरंगाबाद, जमुई व पूर्णिया जिले में सबसे अधिक महिलाएं कैंसर की शिकार हो रही हैं. इनमें सबसे अधिक मुंह, सर्वाइकल और स्तन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं.
स्क्रीनिंग हुई तो दिखने लगे मरीज
बिहार में कैंसर स्क्रीनिंग की सुविधा बढ़ी है. आईजीआईएमएस, महावीर कैंसर अस्पताल आदि में अलग से स्क्रीनिंग सेंटर खोल दिये गये हैं. इससे अब रोगियों की पहचान हो रही है.
बिहार में कालाजार से भी आगे निकला कैंसर
एक समय बिहार में सबसे अधिक कालाजार के मरीज सामने आते थे. लेकिन वर्तमान में कैंसर ने कालाजार जैसी बीमारी को भी पीछे छोड़ दिया है. बिहार में सबसे अधिक मौत कैंसर से हो रही है. बिहार में कुल मरीजों की संख्या लगभग ढाई लाख है.
इनमें महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक करीब 61 फीसदी है और पुरुषों का 38 फीसदी है. कैंसर केयर एंड क्योर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण बिहार में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अगर यही स्थिति रही, तो 2020 तक यह आंकड़ा 4 लाख तक पहुंच सकता है.

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