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12 को आर ब्लॉक-दीघा रेल लाइन एमओयू पर हस्ताक्षर
पटना : पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा है कि राजधानी पटना के आर ब्लॉक–दीघा रेल लाइन के मसौदे पर रेल मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में 12 अगस्त को एमओयू पर हस्ताक्षर हो जायेगा. इस खंड की जमीन के एवज में राज्य सरकार रेल मंत्रालय को 222 करोड़ रुपये का भुगतान कर […]
पटना : पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा है कि राजधानी पटना के आर ब्लॉक–दीघा रेल लाइन के मसौदे पर रेल मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में 12 अगस्त को एमओयू पर हस्ताक्षर हो जायेगा. इस खंड की जमीन के एवज में राज्य सरकार रेल मंत्रालय को 222 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है.
‘सहयोग कार्यक्रम’ के दौरान श्री यादव ने बुधवार को कहा कि रेल मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद आर ब्लॉक–दीघा रेल लाईन की लगभग 71 एकड़ जमीन राज्य सरकार के स्वामित्व में आ जायेगी और इसके साथ ही रेलवे अपना ट्रैक हटाने का कार्य प्रारंभ कर देगा. पथ निर्माण विभाग डीपीआर की कार्रवाई कर रहा है. पथ निर्माण की योजना इसी वित्तीय वर्ष में प्रारंभ करने की है. आर. ब्लॉक–दीघा के बीच 150 वर्ष पुरानी रेलवे ट्रैक की भूमि लगभग 40–45 मीटर चौड़ी है. इस भूमि पर फोर लेन पथ का निर्माण किया जायेगा.
पूर्व मध्य रेल क्षेत्र के सुपौल-अररिया रेलखंड वर्षों से प्रस्तावित है, लेकिन, योजना पर काम शुरू नहीं किया गया है. इस नयी रेल लाइन का शिलान्यास 12 अगस्त को केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल करेंगे. इस कार्यक्रम में ही 92 किलोमीटर लंबी सुपौल-अररिया रेलखंड का शिलान्यास किया जायेगा.
उद्यमियों से मुलाकात करेंगे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
केंद्रीय रेल, वित्तीय व कोयला मंत्री पीयूष गोयल 12 अगस्त को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. कार्यक्रम के दौरान वे कारोबारियों व उद्यमियों से मुलाकात करेंगे. चैंबर के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पीयूष गोयल को बिहार में चल रहे प्रोजेक्ट और नयी सेवा शुरू करने संबंध में जानकारी दी जायेगी. साथ ही जीएसटी से जुड़े अहम मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट कराया जायेगा.
बिहार के सभी घोषित रेल प्रोजेक्टों के लिए बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया जाये तथा इसे समय पूरा कराया जाये, जिससे कि राज्य के आर्थिक विकास को और गति मिल सके. इसमें नयी रेल लाइन, रेल लाइनों का दोहरी करण, आमान परिवर्तन, रेलवे द्वारा घोषित वर्कशॉप का आधुनिकीकरण आदि हैं. रैक की आपूर्ति में लंबा समय लगने से व्यवसायी समय से सामान नहीं मंगा पाते हैं.
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