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36 घंटे बीतेे, नहीं पता चला सड़क धंसने का कारण

पटना : बेली रोड सड़क हादसे के 36 घंटे बाद भी निर्माण एजेंसी के एक्सपर्ट सड़क में आयी गहरी दरारों और हादसा स्थल पर पानी आने की असली वजह का पता नहीं लगा सके हैं. इस संदर्भ में लाख टके का सवाल यह है कि आखिर निर्माणाधीन पाइलिंग स्ट्रक्चर वाली जगह पर अचानक पानी कहां […]

पटना : बेली रोड सड़क हादसे के 36 घंटे बाद भी निर्माण एजेंसी के एक्सपर्ट सड़क में आयी गहरी दरारों और हादसा स्थल पर पानी आने की असली वजह का पता नहीं लगा सके हैं. इस संदर्भ में लाख टके का सवाल यह है कि आखिर निर्माणाधीन पाइलिंग स्ट्रक्चर वाली जगह पर अचानक पानी कहां से आया? इसके पीछे किसकी गलती थी? कुल मिला कर पुल निर्माण निगम व लोहिया पथ चक्र का काम कर रही एजेंसी के अभियंताओं को हादसे की असली वजह का पता नहीं चल सका है.
यहां तक कि इसकी वजह कोई तकनीकी लापरवाही है या कुछ और, इसे तय करने में जिम्मेदार अफसर बच रहे हैं. यही वजह है कि प्रारंभिक जांच भी अभी शुरू नहीं हो सकी है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि हादसे की जांच के लिए अभियंताओं की जिस कमेटी को जिम्मेदारी दी गयी है, वे भी अभी कुछ करने से बच रही हैं. कमेटी के अभियंताओं का तर्क है कि पाइलिंग में भरे पानी के निकलने के बाद ही देखा जा सकेगा कि हादसे की असली वजह क्या रही?
एजेंसी और पुल निर्माण निगम का अलग-अलग तर्क : वहीं लोहिया पथ चक्र निर्माण का काम कर रही एजेंसी के अभियंता कह रहे हैं कि शनिवार की रात राजवंशी नगर की तरफ से लगभग 12 बजे बारिश के साथ ही सड़क के ऊपर से अचानक पानी आने से पाइलिंग का गड्ढा भर गया, इस कारण से सड़क धंस गयी, जबकि पुल निर्माण निगम के अभियंताओं का तर्क है कि बीपीएससी के कार्यालय की तरफ से काफी पानी आया था. इस कारण से निर्माण की जगह में पानी भर गया और सड़क धंस गयी.
कुल मिला अब तक हवा में ही तीर चलाया जा रहा है.नहीं पूरा हुआ कच्चे नाले का निर्माण : पुल निर्माण एजेंसी को बारिश के पानी की निकासी के लिए बेली रोड के दोनों तरफ नाला का निर्माण करना था. नगर निगम के कार्यपालक अधिकारी बताते हैं कि करीब डेढ़ माह पहले प्रोजेक्ट पर काम कर रहे अभियंताओं से बात हुई थी.
तब निर्माण एजेंसी के अभियंता ने पुनाईचक की दाहिनी तरफ से एक कच्चा नाला बनाने की बात कही थी, जिसे आगे पुनाईचक में जोड़ना था. निगम पदाधिकारी ने बताया कि एजेंसी के लोगों ने नाले को राजवंशी नगर में जोड़ दिया और इसकी जानकारी भी नहीं दी, जबकि राजवंशी नगर संप की क्षमता कम है. बारिश के समय कई बार संप से पानी वापस आता है.
सपोर्ट देने का काम मजबूत नहीं: लोहिया पथ चक्र निर्माण के लिए खोदे गये गड्ढे में दोनों किनारे की सड़क को बचाने के लिए मजबूत सपोर्ट नहीं होना धंसने का कारण माना जा रहा है. एक्सपर्ट की मानें तो गड्ढे होने से दोनों किनारे सड़क के नीचे की मिट्टी को मजबूती देने के लिए पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिल पाया. बारिश की वजह से मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गयी. एक तो सड़क का भार व दूसरा वाहनों के परिचालन से उस पर दबाव बढ़ने से सड़क धंस गयी. लोहिया पथ चक्र में निर्माण काम के दौरान सड़क को सुरक्षित रखने के लिए सपाेर्ट लगाने का काम निर्माण एजेंसी को करना है.
अब भी नहीं निकल रहा अंदर से पानी
पुल निर्माण एजेंसी की ओर से सोमवार को साढ़े 12 बजे से मोटर द्वारा पाइलिंग से पानी निकालने का काम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार देर शाम तक पानी निकल नहीं पाया. इसके अलावा सबसे बड़ी बात है कि पानी को निकाल कर सही नाले में भी नहीं डाला जा रहा है. इस कारण पानी रिस कर वापस आने की पूरी आशंका बनी हुई है. प्रोजेक्ट पर काम कर ही एजेंसी के अभियंता ने बताया कि अब गड्ढे में बालू भर कर पानी को निकालने का प्रयास होगा. इसके लिए निर्देश का इंतजार है.
इन मुद्दों का नहीं रखा गया ध्यान
अगर हादसे वाली जगह लो-लैंड है, तो पानी आने का आकलन पहले से करना था.
राजवंशी नगर नाला अगर पहले से जाम था तो रात में अचानक कैसे खुल गया?
इतने बड़े प्रोजेक्ट की डीपीआर में इस जगह के आसपास बहने वाले नालों की जानकारी क्यों नहीं थी?
नगर निगम व पुल निर्माण में इस पर समन्वय का अभाव था. इतना पानी आने से दोनों विभाग अनजान थे.

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