फुलवारीशरीफ : राजधानी पटना से दस किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित फुलवारीशरीफ प्रखंड की परसा पंचायत के खपरैलचक नहर पर रहने वाले लोगों को आजादी के वर्षों बाद भी सड़क नसीब नहीं हुई है.
पटना के सिपारा-पुनपुन मार्ग एनएच 83 से चंद फर्लांग की दूरी पर खपरैलचक नहर के ग्रामीणों को आज तक कीचड़ और गड्ढों से होकर आना-जाना पड़ रहा है. इस इलाके में आने-जाने के लिए बोधाचक की लिंक रोड की ढलाई हो चुकी है, लेकिन उसी लिंक रोड से जुड़ी खपरैलचक नहर रोड आज भी सरकारी उदासीनता का शिकार है.
स्थानीय निवासियों की मानें तो वे इस इलाके के जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायक व मुखिया से सड़क निर्माण की गुहार लगा कर थक चुके, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. ग्रामीणों को बरसात में कीचड़ और गड्ढों से होकर गुजरना उनकी जिंदगी में शामिल हो गया है. बरसात में साइकिल-बाइक तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र और फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले इलाके में सड़क निर्माण की बाट जोह रहे हैं. लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस इलाके में विकास की राशि क्यों नहीं खर्च की जा रही है, मगर खपरैलचक गांव में पानी निकासी की सुविधा तो दूर, बरसात के दिनों में ग्रामीणों को मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता भी चलने के लायक नहीं रहता है.
क्या कहते हैं मुखिया
मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत इस वार्ड का चयन नहीं हो सका है. बरसात के बाद इस वार्ड का चयन हो जायेगा. इसके बाद सड़क का निर्माण शुरू हो जायेगा.
सुजीत कुमार, मुखिया, परसा पंचायत
नेशनल हाईवे पर बसे गांव की हालत बदतर
सिपारा से मसौढ़ी नेशनल हाईवे पर महज सौ दो मीटर की दूरी पर बसे इस गांव की हालत बदतर बनी हुई है. स्थानीय निवासी सह गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच की सचिव प्रतिमा कुमारी, गीता देवी, पिंटू कुमार, प्रभु पासवान, सुंदरी देवी समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि सड़क निर्माण में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. चुनाव के समय सभी जनप्रतिनिधि आते हैं और केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं. सांसद रामकृपाल यादव और स्थानीय विधायक श्याम रजक ने भी आश्वासन दिया था, मगर सड़क का निर्माण नहीं हो सका. श्याम रजक कई वर्षों तक मंत्री रहे फिर भी खपरैलचक की स्थिति नहीं सुधरी.