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पटना : किसी काम के नहीं शौचालय व स्नानागार

बरसात में मच्छरों का प्रकोप, पिछले साल नौ लोगों को हुआ था डेंगू पटना : दूर-दराज से आकर राजधानी में पढ़ायी करने वाले छात्रों के लिए सरकार छात्रावास की सुविधा देती है. इसके लिए कल्याण विभाग में बजट का भी प्रावधान है. परंतु इन छात्रावासों में मिलने वाली तमाम सुविधाएं कागजी हैं. रानीघाट स्थित लॉ […]

बरसात में मच्छरों का प्रकोप, पिछले साल नौ लोगों को हुआ था डेंगू
पटना : दूर-दराज से आकर राजधानी में पढ़ायी करने वाले छात्रों के लिए सरकार छात्रावास की सुविधा देती है. इसके लिए कल्याण विभाग में बजट का भी प्रावधान है. परंतु इन छात्रावासों में मिलने वाली तमाम सुविधाएं कागजी हैं. रानीघाट स्थित लॉ कॉलेज के सामने वाले ए कयूम अंसारी छात्रावास की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. गुरुवार को प्रभात खबर की टीम ने इस छात्रावास का जायजा लिया तो इसकी बदहाली सामने आयी.
चंदा करके कराते हैं सफाई
हॉस्टल के मुख्य गेट से दाखिल होते ही दाहिने तरफ छोटा सा ग्राउंड है. देखरेख के अभाव में वहां झाड़ियां उग आयी हैं. इसमें कहीं सांप या कोई अन्य कीड़ा छुपा हो यह कहना मुश्किल है. फिर एक लड़के की मदद से परवेज भाई से मुलाकात होती है, जिसके बारे में लड़के ने बताया कि वही सबकुछ देखते हैं. परवेज भाई कहते हैं, इमारत तो अच्छी है. छात्र खुद भी सजग रहते हैं. कमी बस सफाई कर्मचारी की है. इसी वजह से तमाम समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. फिलहाल चंदा करके सफाई करायी जाती है.
पिछले साल नौ लड़कों को डेंगू ने लिया था चपेट में : मो परवेज बताते हैं कि गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. पिछले साल नौ लड़कों को डेंगू हुआ था. बमुश्किल उनकी जान बची. कैंपस के पास दूसरे हॉस्टल के लड़कों को तो डेंगू हुआ तो उसे बचाया नहीं जा सका. ऐसे हालात में साफ-सफाई के बिना अच्छे वातावरण की कल्पना बेमानी है
छात्रों ने कहा, छह साल पहले रिटायर हो गया है सफाई कर्मचारी
छात्रों ने बताया कि सफाई कर्मचारी पहले तैनात थे. उनका नाम हफीज था. करीब छह साल पहले वह रिटायर हो गये. उसके बाद से कई बार कल्याण पदाधिकारी को सूचित किया गया, आग्रह किया गया, प्रार्थना पत्र दिया गया. परंतु सफाई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हुई.
छात्रों से ही 10-15 रुपये चंदा करके सफाई करायी जाती है. शौचालय से स्नानागार तक का बुरा हाल है. 94 कमरे हैं. मेन बिल्डिंग में 20 और आउटडोर में सात कमरे हैं. मेन बिल्डिंग के एक कमरे में चार और आउटडोर के एक कमरे में दो छात्रों के रहने का प्रावधान है. स्नानागार छह हैं, परंतु चालू तीन ही है. शौचालय की तरफ रात में अंधेरा पसरा रहता है. हॉस्टल के कई भागों में बिजली की भी व्यवस्था ठीक नहीं है.

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