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पटना : अवैध धंधे कर बाप और बेटे ने संजोया अमीर बनने का सपना
दिल्ली के व्यवसायी से ठगी का मामला प्रियंका इंटरनेट पर लोगों को जाल में फंसाती रही पिता के नाम भी लग्जरी कार की हुई खरीद मधेपुरा/पटना : बढ़ई का काम करने वाले सहरसा जिले के बनगांव निवासी ठग सुमन कुमार का पिता सहदेव मिस्त्री बनगांव दक्षिणी पंचायत के बीपीएल श्रेणी का लाभुक है. सहदेव सरकारी […]
दिल्ली के व्यवसायी से ठगी का मामला
प्रियंका इंटरनेट पर लोगों को जाल में फंसाती रही पिता के नाम भी लग्जरी कार की हुई खरीद
मधेपुरा/पटना : बढ़ई का काम करने वाले सहरसा जिले के बनगांव निवासी ठग सुमन कुमार का पिता सहदेव मिस्त्री बनगांव दक्षिणी पंचायत के बीपीएल श्रेणी का लाभुक है.
सहदेव सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहा है. फेसबुक के जरिए सहदेव के पुत्र व पुत्रवधू ने दिल्ली के व्यवसायी पीएन विजय को ग्यारह करोड़ का चूना लगाया है. पुत्र के इस गोरखधंधे का बाप भी सहभागी बन गया. वर्तमान में सहदेव मिस्त्री के नाम हुंडई कंपनी की आई 20 मॉडल की कार है, जिसका नंबर बीआर 19 एल 1259 है. इसकी खरीद व निबंधन परिवहन विभाग के सहरसा कार्यालय से है. इसका बीमा भी 17 सितंबर तक करा लिया गया है.
ग्रामीण बताते हैं कि पुत्र के साथ अवैध कारोबार में लिप्त होने से पूर्व भी सहदेव एक नेटवर्किंग कंपनी से जुड़ने के बाद गांव के लोगों को करोड़पति बनने का सपना दिखाता था. पिता की महत्वाकांक्षा व पुत्र के फर्जीवाड़ा दोनों ने मिल कर संपत्ति अर्जित करने का खेल शुरू कर दिया. इस धंधे में संलिप्त प्रियंका इंटरनेट पर लोगों को अपने जाल में फंसाती रही.
बाप के नाम खरीदी संपत्ति की जांच
सुमन कुमार के साथ ही पिता सहदेव मिस्त्री भी महंगे वाहनों का मुरीद है, इसकी पुष्टि जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के आधार पर हो रही है. इसके अलावा पुत्र ने जहां बनगांव चौक पर एक प्लाट का करोड़ो में डील किया था. दूसरी तरफ पिता द्वारा भी महिषी के समीप गोरहो घाट पर जमीन खरीद करने की बात सामने आ रही है.
इसके अलावा सुपौल-भपटियाही फोर लेन पर भी सुमन द्वारा पिता के नाम से एक जमीन का सौदा कर घेराबंदी करने की बात भी सामने आयी है.
पिता ने निवेशकों से मिलवाया था
बढ़ई मिस्त्री का काम करने वाला सहदेव मिस्त्री के संपर्क पहले से ही सहरसा के बड़े लकड़ी कारोबारियों से था. ऐसे में पुत्र के अचानक कुबैर बनता देख पिता ने भी स्वयं के धनाढ्य बनने का सपना देखा. जिसके बाद पिता के द्वारा ही शहर के मीर टोला स्थित लकड़ी कारोबारी सरफराज व दिलीप सिंह से संपर्क कराया. जिसके बाद सुमन द्वारा इनलोगों के साथ मिलकर लकड़ी सहित रैक प्वाइंट पर बालू के कारोबार में निवेश किया जाने लगा. ज्ञात हो कि आईडीबीआई बैंक में ही सुमन व सहदेव मिस्त्री के अलावा दिलीप सिंह व सरफराज का बैंक खाता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैंक में सुमन व उसके पिता द्वारा अत्यधिक लेनदेन की गयी है. इनलोगों के संपर्क में आने के बाद शहर के कई बड़े कारोबारियों के साथ मिलकर हाइवा व ट्रक जैसे बड़े मालवाहक वाहन खरीद किये जाने की भी चर्चा है.
प्रियंका के उच्च लोगों के संपर्क का फायदा ससुर भी उठाता था. महंगी कार पर चढ़ कर व्यापारी से लेकर अधिकारी के यहां जाने तथा पुत्र द्वारा लोगों को कारोबार के लिए दिये गये रुपये की वसूली करते देखा जाता था.
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