कैबिनेट से संस्थान स्थापित करने की मिली चुकी है स्वीकृति
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शोध संस्थान में अभियंता सीखेंगे नयी तकनीक
कैबिनेट से संस्थान स्थापित करने की मिली चुकी है स्वीकृति पटना : राज्य के अभियंताओं को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप सड़कों के निर्माण की आधुनिक तकनीक की जानकारी अब यहां मिलेगी. इसके लिए राज्य में आधुनिक तकनीक से लैस सड़क शोध संस्थान स्थापित होगा. इसमें उच्चस्तरीय गुणात्मक प्रयोगशाला व अन्य संरचनाएं की व्यवस्था होगी. सीएसआइआर-सीआरआरआइ […]
पटना : राज्य के अभियंताओं को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप सड़कों के निर्माण की आधुनिक तकनीक की जानकारी अब यहां मिलेगी. इसके लिए राज्य में आधुनिक तकनीक से लैस सड़क शोध संस्थान स्थापित होगा. इसमें उच्चस्तरीय गुणात्मक प्रयोगशाला व अन्य संरचनाएं की व्यवस्था होगी. सीएसआइआर-सीआरआरआइ नई दिल्ली की तरह उच्चस्तरीय सड़क शोध संस्थान बनेगा.
अभियंताओं को नयी तकनीक की जानकारी देने के लिए बननेवाले सड़क शोध संस्थान का निर्माण पटना के गाय घाट में होगा. लगभग पांच एकड़ में सड़क शोध संस्थान का निर्माण होगा. संस्थान के निर्माण हेतु डीपीआर बनाने का काम बिहार राज्य पथ विकास निगम को सौंपा गया है.संस्थान के निर्माण में एशियन डेवलपमेंट बैंक सहयोग करेगी. बिहार सड़क शोध संस्थान के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है.
राज्य में सड़कों व पुलों का निर्माण तेजी से हो रहा है. सड़क व पुल के निर्माण में नयी-नयी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसी स्थिति में अभियंताओं काे आधुनिक तकनीक से अवगत कराने के लिए शोध संस्थान स्थापित होगा.
विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता : विभाग का मानना है कि नयी-नयी तकनीक विकसित होने से अभियंताओं को विशेष प्रशिक्षण देना आवश्यक है. इसके लिए राज्य के बाहर के अलावा विदेश भी भेजा जाता है. नये संस्थान के निर्माण से अभियंताओं को विशेष प्रशिक्षण देने में सुविधा होगी. विदेशों से फैकल्टी बुला कर अभियंताओं को प्रशिक्षित कराने की व्यवस्था होगी. संस्थान में तत्काल फैकल्टी के रूप में अवकाश प्राप्त कर्मियों को रखा जायेगा. इसमें मुख्य अभियंता,अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंता होंगे. पथ निर्माण विभाग में अभियंताओं को प्रशिक्षण देने के लिए शोध संस्थान कार्यरत है. साथ ही मैटेरियल की जांच के लिए लैब स्थापित है
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