पटना : देश में आपातकाल लगाये जाने के 43वीं बरसी पर मंगलवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता ने विवादास्पद बयान देकर सियासी भूचाल ला दिया है. उन्होंने कांग्रेस द्वारा देश में लगाये गये आपातकाल को सही ठहराते हुए कहा है कि यह जनहित में लिया गया फैसला था. साथ ही उन्होंने देश में आपातकाल लगाये जाने के पक्ष में दलीलें भी पेश कीं. वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष ने भी उनकी दलील को सही ठहराते हुए पार्टी नेता का पक्ष लिया है.
बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने मंगलवार को देश में आपातकाल लगाये जाने के 43वीं बरसीपर विवादास्पद बयान देकर चौतरफा घिर गये हैं. वर्ष 1975 से 1977 तक देश में लगाये गये आपातकाल का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा है कि आपातकाल देश की मांग थी. यह काफी हद कर जनहित में लिया गया फैसला था. साथ ही उन्होंने आपातकाल के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि ‘याद कीजिए, इमरजेन्सी के वक्त ट्रेनें समय पर चलने लगी थीं. सरकारी काम में तेजी आयी थी. भ्रष्टाचार खत्म हो गया था. सरकारी महकमे में एक भय का वातावरण था. संचिकाओं का निष्पादन त्वरित गति से होता था. आज ठीक इसके विपरित स्थितियां हैं. इमरजेंसी लगने से भ्रष्टाचार खत्म हो गया था. इसलिए इमरजेंसी कुछ हद तक इस मामले में लाभकारी था. वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने पार्टी नेता सदानंद सिंह के बयान को सही ठहराया है.