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पटना : दो थानाध्यक्षों समेत 12 पुलिसकर्मी सस्पेंड
बाइक लूट केस में नाबालिग को जबरिया जेल भेजने का मामला पटना : बाइक लूट केस में नाबालिग को जेल भेजने के मामले में जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने अगमकुअां थाने के थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह व बाईपास थाने के थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद समेत 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा अगमकुआं […]
बाइक लूट केस में नाबालिग को जबरिया जेल भेजने का मामला
पटना : बाइक लूट केस में नाबालिग को जेल भेजने के मामले में जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने अगमकुअां थाने के थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह व बाईपास थाने के थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद समेत 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा अगमकुआं थाने में जो भी पुलिसकर्मी बचे उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है. साथ ही अगमकुआं के प्रभारी थानाध्यक्ष रहे मुन्ना कुमार वर्मा को भी सस्पेंड कर दिया गया है. मुन्ना वर्मा को इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि अगमकुआं थाना में दर्ज केस 191/18 व 194/18 के समय अगमकुआं थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह अवकाश पर थे.
उस दौरान सब इंस्पेक्टर मुन्ना कुमार वर्मा ही थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष थे. इनके अलावा सस्पेंड होने वालों में बाईपास थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह यादव, सिपाही संदीप कुमार, बद्री शंकर, राघवेंद्र धारी कमल और अगमकुआं थाने के सब इंस्पेक्टर अरविंद किशोर, सुचित कुमार, सुशांत मंडल, कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार व मनोज कुमार सिंह शामिल हैं.
थानाध्यक्षों को पटना जोन से बाहर किया : इसके साथ ही दोनों ही अगमकुअां और बाईपास थाने के थानाध्यक्षों को पटना जोन से बाहर कर दिया गया है. अब अगमकुआं के थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह को सहरसा डीआईजी के ऑफिस में अपनी हाजिरी लगानी होगी, जबकि बाईपास थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद को बेतिया डीआईजी के पास उपस्थिति बनानी होगी. सोमवार को जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने अपनी रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है.
नाबालिग को उसके घर से ही ले गयी थी पुलिस : जांच में यह बात भी सामने आयी है कि नाबालिग को उसके घर से ही पुलिस ने उठाया था, जबकि उसे दूसरी जगह से पकड़ने की बात को प्राथमिकी में दर्शाया गया था.
नाबालिग को केस नंबर 87/18 के तहत बाईपास थाने की पुलिस ने जेल भेजा था. इसके साथ ही लूट की बाइक भी नाबालिग के पास से नहीं मिली है, लेकिन जब्ती सूची में दर्ज है. इतना ही नहीं पंकज के पास से हथियार की बरामदगी भी दिखायी गयी है, जो गलत है.
नाबालिग को भेजा गया रिमांड होम
जेल में बंद नाबालिग को रिमांड होम भेज दिया गया है. यह बात जांच में सामने आ चुकी है कि उक्त युवक नाबालिग है, जबकि पुलिस ने उसे बालिग बताते हुए बेऊर जेल भेज दिया था. इसके साथ ही पुलिस टीम को न्यायालय से मेडिकल बोर्ड बिठाने के लिए अनुमति मांगने को कहा गया है. जोनल आईजी ने अब एसएसपी मनु महाराज को बाईपास थाने के 87/18, अगमकुआं के केस 191/18 व 194/18 की खुद से जांच करने और उसका सुपरविजन करने को कहा है.
फ्री में सब्जी वसूलने की बात को नहीं माना सही
पुलिस पर यह आरोप लगा था कि पुलिस वाले रंगदारी कर फ्री में सब्जी वसूलते हैं. हालांकि इस आरोप को फिलहाल जोनल आईजी ने सही नहीं माना है, क्योंकि ठोस साक्ष्य जांच के दौरान नहींमिले हैं. अलबत्ता जांच के दौरान यह बात प्रकाश में आयी है कि अगमकुआं थाना पुलिस के खिलाफ लोगों को काफी शिकायतें हैं.
इसके साथ ही उक्त थाने के पुलिसकर्मियों की छवि सही नहीं है. इस बाबत जोनल आईजी ने अगमकुआं थाने में तैनात सारे पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है. एक तरह से पूरा थाना ही बदल दिया जायेगा. अगमकुआं थाने के थानाध्यक्ष सहित तमाम पुलिसकर्मियों को वहां से हटा दिया गया है.
पूर्व एएसपी पर भी होगी कार्रवाई
इस मामले में पटना सिटी के तत्कालीन एएसपी हरिमोहन शुक्ला पर भी कार्रवाई होगी. इसके लिए जोनल आईजी ने एएसपी हरिमोहन शुक्ला से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.
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