पटना : आंखों और हड्डियों के लिए पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा दूध में विटामिन ए और डी अलग से मिला कर सूबे के लाखों उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायेगा. इससे दूध की गुणवत्ता बढ़ेगी और विटामिन की कमी होने से वाली शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी.
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सुधा दूध में मिलेगा विटामिन ए व डी, 15 से होगा उपलब्ध
पटना : आंखों और हड्डियों के लिए पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा दूध में विटामिन ए और डी अलग से मिला कर सूबे के लाखों उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायेगा. इससे दूध की गुणवत्ता बढ़ेगी और विटामिन की कमी होने से वाली शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी. विटामिन युक्त दूध 15 जुलाई से बाजार […]
विटामिन युक्त दूध 15 जुलाई से बाजार में उपलब्ध हो जायेगा. इस बात की जानकारी पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने प्रभात खबर को विशेष भेंट में दी.
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि विटामिन ए और डी की कमी से बच्चों से लेकर बड़ों में समय से पहले आंखों की रोशनी कम होने और हड्डियों में विकार की समस्या लगातार बढ़ रही है. कम आयु में ही लोगों में दर्द की शिकायतें सामने आ रही है. इसको देखते हुए नेशनल डेयरी बोर्ड और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से दूध को और पौष्टिक बनाने पर विचार किया गया है.
उन्होंने बताया कि टाटा ट्रस्ट पटना डेयरी प्रोजेक्ट को विटामिन ए और डी लिक्विड रूप में उपलब्ध करायेगा. इसके लिए नेशनल डेयरी बोर्ड, टाटा ट्रस्ट और पटना डेयरी प्रोजेक्ट के बीच सहमति हो चुकी है. उन्होंने बताया कि स्टैंडराइज्ड दूध (डबल टोन, टोन मिल्क और स्टैंड मिल्क) में ये विटामिन पैकिंग के दौरान मिलाये जायेंगे.
सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पटना डेयरी दूध में विटामिन मिलाने के दौरान फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी आॅफ इंडिया (एफएसएसआई ) के मानकों का पूरा ख्याल रखेगा. विटामिन युक्त की कीमत के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
गुणवत्ता बढ़ाने
का प्रयास
दूध में स्टैंडराइज्ड करते समय क्रीम सेपरेटर से दूध का फैट निकाला जाता है. इससे दूध में फैट के साथ ही विटामिन ए और डी की कमी हो जाती है. इसलिए यह प्रयास किये जा रहे हैं कि उपभोक्ता तक गुणवत्ता वाला दूध पहुंचे.
मानव के शरीर में हर विटामिन का अपना अलग-अलग महत्व होता है, फिर चाहे वो विटामिन डी ही क्यों न हो. इसकी कमी से कई ऐसे रोग हैं, जो आपके शरीर में दस्तक दे सकते हैं. हालांकि विटामिन डी की समस्या मुख्य रूप से महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है. लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि विटामिन डी न केवल आहार से प्राप्त होता है, बल्कि सूर्य की रोशनी से यह लोगों को सीधे तौर पर प्राप्त होती है. विटामिन डी की कमी से मोटापा, मल्टीपल सिरोसिस, हृदय रोग आदि के शिकार हो जाते हैं. इन दिनों शूगर के रोगियों में भी विटामिन डी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. विटामिन डी की कमी के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं कि लोग इन्हें हल्के में लेते हैं. हालांकि जोड़ों में दर्द, हड्डियों में दर्द, थकान, डिप्रेशन आदि ऐसे मुख्य लक्षण हैं.
—डाॅ अमित कुमार, डायबिटिज विशेष
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