पटना : हाल ही में बिहार के मुख्य सचिव का पदभार संभालने वाले दीपक कुमार ने शुक्रवार को राज्य के सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की. इस दौरान उन्होंने राज्य के मुख्यालय से लेकर थाने तक के अधिकारियों को नया आदेश दिया है. अपने आदेश में मुख्य सचिव कहा कि किसी भी विभाग के अफसर हफ्ते में तीन दिन दफ्तर में और बाकी का वक्त अपने-अपने क्षेत्र में बिताएं.
सख्त आदेश देते हुए उन्होंने कहा कि सप्ताह में तीन दिन अधिकारी दफ्तर संभाले और बाकी के तीन दिन क्षेत्र में घूमें. मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी अधिकारी सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार के अलावा किसी दूसरे दिन दफ्तर में नजर नहीं आने चाहिए. बाकी तीनों दिन अफसर क्षेत्र में पहुंचकर लोंगों की समस्या सुने और शिकायत के आधार पर बिना कोई देरी के कार्रवाई करें.
मुख्य सचिव ने हर अधिकारी को टूर डायरी रखने की बात कही. इसके साथ ही, सरकार उनकी टूर डायरी को देखेगी और इसी के आधार पर उनकी सीआर (कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) तैयार की जायेगी. इसके साथ ही मुख्य सचिव ने घर में बैठकर सरकारी फाइल निपटाने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है कि घर में बैठकर फाइल निपटाने की इजाजत नहीं है. सरकारी काम सरकारी दफ्तर से ही होगा. दफ्तर के टाइम में अधिकारियों को दफ्तर में ही बैठना होगा.
जनता दरबार को लेकर भी फरमान, शुक्रवार को आम लोगों से मिले अधिकारी
मुख्य सचिव ने अधिकारियों के जनता दरबार को लेकर नये सिरे से फरमान जारी किया. नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद ही गुरूवार को जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों में ये सिलसिला समाप्त हो गया. मुख्य सचिव ने सचिवालय से लेकर जिला मुख्यालय और ब्लॉक-थानों में तैनात अधिकारियों को शुक्रवार को जनता दरबार लगाने का आदेश दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब हर शुक्रवार को सभी अधिकारी जनता दरबार लगायेंगे.
मुख्य सचिव ने सभी जिलों में तैनात DM और SP को खास निर्देश दिया है. इसमें उन्हें नियमित तौर पर अलग-अलग तबके के लोगों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सभी अधिकारियों को दलितों की बस्तियों पर खास नजर रखने को कहा गया है. अपने भ्रमण के दौरान सभी अधिकारी दलितों की बस्तियों में जरूर जायेंगे और सरकारी योजनाओं का हाल जानेंगे. ताकी, इससे यह पता चल सके की सरकार की योजनायें कितनी धरातल पर उतर चुकी है.