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कॉपी चोरी के मामले में आदेशपाल निलंबित, सवालों में उलझे प्राचार्य, बदलते रहे बयान
गायब 42400 कॉपियों का मामला : 49 घंटे की तहकीकात में एसआईटी को नहीं मिला ठोस सुराग गोपालगंज/पटना : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल स्थित मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन केंद्र से 42400 कॉपियों के गायब होने के मामले में पुलिस की जांच उलझती जा रही है. प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव से एसआईटी और पुलिस के […]
गायब 42400 कॉपियों का मामला : 49 घंटे की तहकीकात में एसआईटी को नहीं मिला ठोस सुराग
गोपालगंज/पटना : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल स्थित मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन केंद्र से 42400 कॉपियों के गायब होने के मामले में पुलिस की जांच उलझती जा रही है. प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव से एसआईटी और पुलिस के वरीय अधिकारी ने दूसरे दिन भी नगर थाने में सघन पूछताछ की. प्राचार्य पुलिस अधिकारियों से बार-बार बीमार होने का बहाना बनाते रहे. पुलिस के अधिकारियों के प्रश्नों में प्राचार्य उलझे रहे.
हर प्रश्न पर प्राचार्य का बयान बदलता रहा. प्राचार्य के बताने के अनुरूप पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई में भी जुटी है. पुलिस हर बिंदुओं को खंगाल रही है. कॉपियों की चोरी होने के मामले में विद्यालय के आदेशपाल व रात्रि प्रहरी को जेल भेजा जा चुका है. प्राचार्य की भूमिका की जांच चल रही है. आदेशपाल ने पुलिस को दिये बयान में प्राचार्य के पास चाबी होने की बात कही है.
प्राचार्य ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए दोनों को आरोपित बनाते हुए 232 बंडल यानी 42400 कॉपियों की चोरी करने में संलिप्तता का आरोप लगाया है. बिहार बोर्ड के अधिकारियों की पूछताछ में बयान बदलने और संतोषजनक जवाब नहीं देने के मामले में प्राचार्य को बिहार परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने 19 जून को पटना पुलिस को सौंप दिया था. तब से एसआईटी हिरासत में लेकर प्राचार्य से पूछताछ कर जांच में जुटी है.
छपरा में कॉपी बरामद होने की अफवाह: मूल्यांकन केंद्र से मूल्यांकित कॉपियों के कुछ बंडल छपरा में बरामद होने की अफवाह गुरुवार की शाम उड़ने लगी. बाद में स्पष्ट हुआ कि यह महज अफवाह है. किसी तरह की कॉपी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है. पुलिस की टीम कॉपियों की बरामदगी के लिए हर स्तर पर कार्रवाई में अभी जुटी है.
जांच के पेच में फंसा छात्रों का भविष्य
एसएस बालिका स्कूल से कॉपियों के गायब होने के बाद यहां पढ़ने वाले लगभग डेढ़ हजार छात्राओं का भविष्य पेच में फंसा है. पूरे बिहार के माध्यमिक स्कूल 18 जून से संचालित हो रहे हैं. यहां प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव ने डीईओ को 25 जून तक विद्यालय बंद रखने की सूचना देकर क्षतिपूर्ति अवकाश में रहने की बात कही है. जबकि, शिक्षा विभाग के एकेडमिक कैलेंडर के विरुद्ध यह छुट्टी छात्राओं पर भारी पड़ रही है.
जानकारों का मानना है कि कॉपियों के गायब होने के बाद जान-बूझकर प्राचार्य द्वारा क्षतिपूर्ति अवकाश की सूचना तो नहीं दी गयी है. हालांकि डीईओ अखिलेश्वर प्रसाद बताते हैं कि प्राचार्य के निर्णय पर स्कूल बंद है. 25 के बाद स्कूल में नियमित पढ़ाई शुरू होगी.
कॉपी चोरी के मामले में आदेशपाल निलंबित
गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के आदेशपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही विभागीय कार्रवाई की तैयारी की गयी है.
बता दें कि नगर थाने में स्कूल के आदेशपाल छठु सिंह तथा रात्रि प्रहरी आसपूरण सिंह के खिलाफ स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में 19 जून को नगर थाने की पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. पुलिस के द्वारा जेल भेजे जाने की सूचना पर आदेशपाल के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से डीईओ अखिलेश्वर प्रसाद ने कार्रवाई की है.
तीनों मूल्यांकन केंद्रों पर जांच टीम की नजर
एसएस बालिका स्कूल से कॉपियों के गायब होने का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग से लेकर बिहार बोर्ड के अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं. बोर्ड के अधिकारी गोपालगंज में चल रही जांच पर नजर रख रहे हैं.
जानकार सूत्रों की मानें तो बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर जांच से हर पल अपडेट हो रहे हैं. इस बीच एसएस बालिका के अलावा डीएवी और एमएम उर्दू प्लस-टू स्कूल में बनाये गये मूल्यांकन केंद्रों पर भी पुलिस की नजर है. पुलिस के अलावा प्रशासन के अधिकारी भी नजर रखे हुए हैं. उधर, डीएवी और एमएम उर्दू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र की सुरक्षा को स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर पर काफी मजबूत कर दिया है.
जांच की आंच में झुलस रहे स्कूल के शिक्षक
एसएस बालिका स्कूल के शिक्षक भी जांच की आंच में झुलस रहे हैं. पुलिस कई शिक्षकों से पूछताछ कर चुकी है. कुछ शिक्षकों की भूमिका पर जांच चल रही है. चौंकाने वाले तथ्य यह भी हैं कि मूल्यांकन के दौरान सीसीटीवी यहां नहीं लगाया गया था. सूत्र बताते हैं कि रिजल्ट में फर्जीवाड़े का खेल किया गया है.
कॉपियों की तलाश में धूल फांक रही पुलिस
एसआईटी की टीम एएसपी नीरज कुमार के नेतृत्व में पिछले 49 घंटे से तहकीकात में जुटी है. ठोस सुराग एसआईटी के हाथ नहीं लगे हैं. डॉग स्क्वायड का सहारा लिया गया. इससे भी सफलता हाथ नहीं लगी. कारण स्पष्ट है कि कॉपियों के मूल्यांकन के बाद 20 अप्रैल को कॉपियों को मूल्यांकन केंद्र में रखा गया और उसके तुरंत बाद ही कॉपियों की चोरी हो गयी. इस बीच बहुत लोगों की आवाजाही स्कूल में बनी रही, जिससे डॉग स्क्वायड सफल नहीं हो रहा.
कॉपियां नहीं मिलीं, तो कैसे होगी स्क्रूटनी
पटना : गोपालगंज के एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से गायब हुईं मैट्रिक परीक्षा की 42,400 उत्तरपुस्तिकाएं (कॉपी) अब तक बरामद नहीं हो सकी हैं. कॉपियां गायब होने के बाद बिहार बोर्ड का दावा है कि इससे मैट्रिक के रिजल्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, न ही टॉपर लिस्ट प्रभावित होगी. लेकिन इस घटनाक्रम ने परीक्षार्थी व अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है.
उनका कहना है कि यदि रिजल्ट में किसी तरह की त्रुटि रही या इच्छुक विद्यार्थी अपनी कॉपी की स्क्रूटनी कराना चाहें, तो कैसे संभव हो सकेगा? रिजल्ट की घोषणा के बाद अनेक विद्यार्थी स्क्रूटनी के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन इस सवाल पर फिलहाल बोर्ड के पास कोई ठोस जवाब नहीं है. जबकि हाल ही में बोर्ड द्वारा इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया, जिसमें अनेक त्रुटियां पायी गयीं. अनेक छात्रों ने स्क्रूटनी के लिए भी आवेदन किया है.
अभी तक कोई निर्णय नहीं
कॉपी नहीं मिली, तो स्क्रूटनी कैसे होगी इस सवाल पर बिहार बोर्ड ने फिलहाल कोई विचार नहीं किया है. बोर्ड के अधिकारियों की मानें, तो अभी इस मामले में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
बिहार बोर्ड परीक्षार्थियों को स्क्रूटनी कराने के अधिकार से वंचित करने जा रहा है. एसआईटी की टीम फिलहाल मामले की गहन जांच व छापेमारी कर रही है. कॉपियां बरामद होने की बात अभी दूर की बात है. लेकिन कॉपियां नहीं मिलने की स्थिति में क्या किया जा सकता है, इस सवाल का जवाब बोर्ड के पास नहीं है.
इंटर में 1.38 लाख त्रुटियां, मैट्रिक में त्रुटि मुक्त रिजल्ट का दावा : बोर्ड ने दावा किया है कि मैट्रिक के सभी परीक्षार्थियों के मार्क्स की सूची प्राप्त हो गयी है. अत: किसी भी परीक्षार्थी के रिजल्ट में गड़बड़ी नहीं होगी. लेकिन हाल में इंटरमीडिएट के रिजल्ट में कई तरह की त्रुटियां सामने आयी हैं. परिणाम यह है कि इंटर के करीब 1.38 लाख परीक्षार्थियों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया है.
कॉपियां गायब हाेने का मसला संयोग नहीं साजिश : बेशक बिहार बोर्ड कॉपियां गायब होने के मामले में तमाम उत्तर गढ़ रहा है, लेकिन जानकार उसके उत्तर को कतई संतोषजनक नहीं मान रहे हैं. यह बात अब उठने लगी है कि उन कॉपियों में कुछ खास परीक्षार्थी हैं, जिनको फायदा पहुंचाने के लिये यह आपराधिक साजिश रची गयी.
क्या कहते हैं अधिकारी
कॉपी गायब होने के मामले में गहन जांच चल रही है. एसआईटी की टीम लगातार पूछताछ व छापेमारी कर रही है. यदि कॉपियां बरामद नहीं हुईं, तो स्क्रूटनी कैसे की जायेगी, इस पर बाद में कोई निर्णय लिया जायेगा.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड
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