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जिसके पास सिस्टम नहीं, उसे मिला काम
राहत फाउंडेशन ने की विजिलेंस जांच की मांग पटना. खनन विभाग ने एक ऐसे कंपनी को वाहन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का कार्य दिया है, जिसके पास एआईएस 140 प्रमाणपत्र नहीं है. उपर्युक्त बातें सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में राहत फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कमल सोई ने कही. उन्होंने कहा कि ऐसा करके खनन विभाग […]
राहत फाउंडेशन ने की विजिलेंस जांच की मांग
पटना. खनन विभाग ने एक ऐसे कंपनी को वाहन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का कार्य दिया है, जिसके पास एआईएस 140 प्रमाणपत्र नहीं है. उपर्युक्त बातें सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में राहत फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कमल सोई ने कही. उन्होंने कहा कि ऐसा करके खनन विभाग ने अपने द्वारा तय मानदंड का खुद उल्लंघन किया है.
विभाग को चार ऐसी संवेदक कंपनियां मिली थीं, जिनके पास एआईएस 140 प्रमाणपत्र था, लेकिन उनमें से किसी को वीटीडी (वाहन ट्रैकिंग डिवाइस) लगाने का काम नहीं दिया गया. बिना ट्रैकिंग सुविधा के वीटीडी एक डिब्बे से ज्यादा कुछ नहीं है. वीटीडी लगाने वाली कंपनी ई-शॉपिंग साइट पर उपलब्ध अपने डिवाइस की कीमत का दाेगुना ट्रक मालिकों से वसूल रही है. डाॅ सोई ने कहा कि सरकार को एक लाख वाहनों में वीटीएस समेत वीटीडी लगाना है. उन्होंने कहा कि मामले में 150 से 200 करोड़ का घोटाला हुआ है, जिसकी विजिलेंस जांच की वो मांग करते हैं.
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