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डिस्काउंट व कैश बैक ऑफर से बंद होने की कगार पर बुकिंग काउंटर

पटना : हवाई सफर करने वालों यात्रियों की रुचि अब काउंटर पर जाकर टिकट बुक करने में कम हो गयी है. कई एयरलाइन और ट्रैवलिंग कंपनियां की ओर से डिस्काउंट और कैशबैक ऑफर मिलने के कारण यात्रियों का रुझान ऑनलाइन की ओर बढ़ रहा है. इसका असर पटना एयरपोर्ट पर विभिन्न एयरलाइंस के काउंटरों पर […]

पटना : हवाई सफर करने वालों यात्रियों की रुचि अब काउंटर पर जाकर टिकट बुक करने में कम हो गयी है. कई एयरलाइन और ट्रैवलिंग कंपनियां की ओर से डिस्काउंट और कैशबैक ऑफर मिलने के कारण यात्रियों का रुझान ऑनलाइन की ओर बढ़ रहा है. इसका असर पटना एयरपोर्ट पर विभिन्न एयरलाइंस के काउंटरों पर देखने को मिल रहा है. जेट एयरवेज के काउंटर से पिछले सोमवार को केवल 12 और मंगलवार को 15 हवाई टिकटों की बुकिंग हुई. पटना से जेट एयरवेज की चार फ्लाइटें हर दिन जाती हैं. इनमें सीटों की कुल संख्या 672 है. प्रत्येक एयरलाइन की कमोबेश यही स्थिति है. आॅफलाइन बुकिंग कराने पर किसी तरह की छूट नहीं मिल रही है. पटना एयरपोर्ट पर विभिन्न एयरलाइंस के बुकिंग काउंटरों पर दो से लेकर अधिकतम 12 फीसदी तक ही टिकट कट रहे हैं.

ऑनलाइन बुकिंग बढ़ने की बड़ी वजह टूर और ट्रैवल कंपनियों की बदली कार्यशैली है जो ऑफर देकर यात्रियों को लुभा रहे हैं.
ऑनलाइन सुविधा
पहले ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी ई-पेमेंट करने में परेशानी होती थी. अब स्मार्ट फोन के आने और इंटरनेट बैंकिंग से लोगों के तेजी से जुड़ने से ऑनलाइन बुकिंग बेहद आसान हो गयी है. ऐसे में अगले तीन-चार वर्षों में ही वह स्थिति आ जायेगी, जब अपवाद स्वरूप ही हवाई टिकटों की काउंटर बुकिंग होगी. काउंटरों का इस्तेमाल रीशेडयूलिंग जैसी अन्य सुविधाओं को मुहैया करवाने में होने लगेगा.
मिल रहा डिस्काउंट
एयरलाइंस के होम साइट से टिकट बुक कराने पर एक से एक स्पेशल पैकेज और आकर्षक डिस्काउंट यात्रियों को दिये जा रहे हैं और ऑनलाइन बुकिंग के एवज में कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लिया जा रहा है. टूर और ट्रैवल एजेंसियां ऑनलाइन बुकिंग के एवज में कंवेनियेंस चार्ज लेती हैं. हालांकि उनके द्वारा दी गयी छूट की राशि चार्ज से अधिक होती है. इसलिए यात्रियों को फायदा मिल जाता है.
12 जून को पटना से हुई काउंटर बुकिंग
एयरलाइंस सीट ऑफलाइन फीसदी
उपलब्धता बुकिंग हिस्सेदारी
इंडिगो 3420 171 5
स्पाइस जेट 945 113 12
जेट एयरवेज 672 15 2.2
गो एयर 1800 58 3.2
वाटर मैनेजमेंट के लिए बनेगा ब्लू प्रिंट
कुछ खास वजहें
प्रदेश में रोजाना हजारों टन कचरा खुले में फेंका जा रहा है. पटना शहर में भी इसके उपचार का कोई प्रबंध नहीं है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने भी माना है कि मेडिकल कचरे की वजह से भूजल दूषित हो रहा है. दूसरे किस्म का ठोस कचरा भी भूजल को दूषित करता है.
सीवरेज को सीधे नदियों में बहाया जा रहा है, इससे गंगा किनारे के तमाम इलाके का भूजल प्रदूषित हुआ है.
बेशक बिहार के पास भूजल अधिक है. पूरे प्रदेश में एक भी ब्लॉक ऐसा नहीं है, जहां सेमी क्रिटिकल स्थिति हो, इसके बाद भी भूजल दोहन तेजी से हो रहा है.
नीति आयोग की रिपोर्ट पर शासन मंथन कर रहा है. हम जल्दी ही वाटर मैनेजमेंट सुधारेंगे. अगले हफ्ते तक कई ठोस निर्णय लिये जा सकते हैं. नीति आयोग की विशेष रिपोर्ट में कुछ खास नयी बस्तियों में भूजल की गुणवत्ता खराब बतायी गयी है. पानी की गुणवत्ता हर हाल में सुधारी जायेगी. चिंता की कोई बात नहीं है.
एससी मिश्रा, इंजीनियर इन चीफ, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार
खास : बिहार में भूजल की गुणवत्ता प्रभावित करने वाला मुख्य तत्व आर्सेनिक है, इससे प्रभावित जिले 13 हैं. पानी की गुणवत्ता करने वाला दूसरा तत्व फ्लोराइड है, इससे प्रभावित जिले 11 हैं. आयरन भी कई जिलों में पानी की गुणवत्ता प्रभावित कर रहा है, इसके प्रभावित जिलों की संख्या 9 है.

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