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मोकामा : राजेंद्र सेतु से गिर कर मां-बेटी की मौत
राजगीर मलमास मेला देख कर बेटी के संग लौट रही थी घर मोकामा : राजेंद्र सेतु के टूटे पैदल पथ से गिर कर मां-बेटी की मौत हो गयी. गुरुवार की अहले सुबह यह घटना घटी. मृतकों की पहचान बासमति देवी (65 वर्ष, पति स्व झाकस सिंह, चातरघाट, अलौली, खगड़िया निवासी) और उसकी पुत्री शैला देवी […]
राजगीर मलमास मेला देख कर बेटी के संग लौट रही थी घर
मोकामा : राजेंद्र सेतु के टूटे पैदल पथ से गिर कर मां-बेटी की मौत हो गयी. गुरुवार की अहले सुबह यह घटना घटी. मृतकों की पहचान बासमति देवी (65 वर्ष, पति स्व झाकस सिंह, चातरघाट, अलौली, खगड़िया निवासी) और उसकी पुत्री शैला देवी ( 45 वर्ष, पति बीनो महतो, मथुरापुर, खगड़िया सदर निवासी) के रूप में हुई. इस घटना में मृतका की दूसरी पुत्री अपर्णा देवी (40 वर्ष, शूजा, बेगूसराय सदर निवासी) की जान बच गयी. जानकारी के मुताबिक वृद्ध महिला अपनी दो पुत्रियों के साथ मलमास मेला देखने राजगीर गयी थी. वहां से लौटने के दौरान तीनों बेगूसराय जाने के लिए हथिदह जंक्शन पर उतरीं.
इस दौरान भीड़ को लेकर महिला की छोटी बेटी अपर्णा बिछुड़ गयी.इधर, मां-बेटी राजेंद्र सेतु पार कर रही थीं. इस दौरान दोनों को अंधेरा होने की वजह से टूटे हुए पैदल पथ का अंदाजा नहीं लगा. वहीं, दोनों सेतु से नीचे गिर गयीं. हादसे में मां-बेटी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. बाद में गंगा स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की नजर महिला के शव पर पड़ी. उन्होंने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी.
मौके पर पुलिस पहुंची तो एक-एक कर दो शव बरामद हुए. इस संबंध में थानेदार अविनाश कुमार ने जानकारी दी कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस इस मामले में कार्रवाई में जुटी हुई है.
मोबाइल नंबर से हुई पहचान
मृत महिलाओं की पहचान पर्स से मिले मोबाइल नंबर से हुई. पुलिस ने मोबाइल पर संपर्क साध कर परिजनों को सूचना दी. परिजनों ने थाने पहुंच कर दोनों की पहचान की.
इधर, परिजन घर की एक अन्य महिला की खोजबीन करने लगे, जिसको लेकर एक घंटा तक पुलिस ने घटनास्थल का खाक छाना. इसी बीच अपर्णा देवी सकुशल अपना घर पहुंच गयी थी. तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली. परिजनों ने पुलिस को बताया कि राजगीर से बुधवार की दोपहर तीन बजे मां-बेटियां किसी ट्रेन में लौटने के लिए सवार हुई थीं. वहीं, बख्तियारपुर से होकर हथिदह पहुंची, लेकिन इसके बाद परिजनों से संपर्क नहीं हो सका.
गांव के लोग मर्माहत
मां-बेटी की मौत की खबर से मथुरापुर और चातरघाट गांव के लोग काफी मर्माहत हैं. घटना की जानकारी मिलते ही दर्जनों ग्रामीण हथिदह थाने पहुंचे. इस बीच पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज चुकी थी. शवों के वापस आने के इंतजार में लोग थाना परिसर में घंटों बैठे रहे. ग्रामीणों ने बताया कि शैला देवी जीविका से जुड़ी हुई थी. उन्होंने समाज की महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में संगठित कर मिसाल पेश की थी. शैला देवी की मौत से घर के साथ-साथ गांव की महिलाओं का भी रो-रो कर हाल-बेहाल है.
प्रशासन की लापरवाही से गयी दोनों की जान
रेल व स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से मां-बेटी की जान चली गयी. राजेंद्र सेतु का पैदल पथ तकरीबन एक वर्ष से 10 फुट तक जर्जर हालत में है. अनियंत्रित ट्रक के पैदल पथ पर चढ़ जाने से ढलाई टूट गयी थी.
बाद में टूटी ढ़लाई को लोहे की चादर से ढंक दिया गया, लेकिन स्थानीय लोगों की कई बार शिकायत के बाद भी टूटे पथ की मरम्मत नहीं करायी गयी. स्थानीय दिलीप कुमार टुनटुन व अन्य लोगों ने बताया कि इससे पहले भी एक युवक गिर कर गंभीर रूप से जख्मी हो गया था, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरतापूर्वक नहीं लिया. बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं भूलवश चादर से ढ़ंके जर्जर पथ पर चढ़ गयीं. इससे दोनों का संतुलन बिगड़ गया और नीचे जा गिरीं. बता दें कि दो दिनों पहले सेतु के दूसरे तरफ का पैदल पथ भी ट्रेन के चढ़ जाने से क्षतिग्रस्त हो गया है, लेकिन रेल व स्थानीय प्रशासन इससे अनजान है.इधर, स्थानीय पुलिस का कहना है कि रेलवे को कई बार पथ के टूट जाने व संभावित हादसे को लेकर अलर्ट किया गया था.
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