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70% मरीज नहीं जानते इनहेलर का सही इस्तेमाल करना, ये हैं सही तरीका

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान व पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की संयुक्त टीम ने मरीजों पर किया सर्वे पटना : पटना सहित पूरे बिहार में अस्थमा रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन, अस्थमा से जूझ रहे 70% मरीज इनहेलर का गलत तरीके से उपयोग करते हैं. इससे उनकी बीमारी बढ़ती जाती […]

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान व पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की संयुक्त टीम ने मरीजों पर किया सर्वे
पटना : पटना सहित पूरे बिहार में अस्थमा रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन, अस्थमा से जूझ रहे 70% मरीज इनहेलर का गलत तरीके से उपयोग करते हैं. इससे उनकी बीमारी बढ़ती जाती है.
यह खुलासा अस्थमा मरीजों पर हुए एक सर्वे में हुआ है. पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान व पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की संयुक्त टीम ने मरीजों पर सर्वे कर यह आंकड़ा पेश किया है.
एक से दो बार बताने के बाद भी करते हैं गलत इस्तेमाल : सर्वे के मुताबिक पटना सहित प्रदेश के करीब 70 फीसदी मरीज दो से तीन बार बताने के बावजूद इनहेलर का गलत उपयोग करते हैं.
दरअसल यह सर्वे विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर पटना एम्स, आईजीआईएमएस, पीएमसीएच व प्राइवेट अस्पतालों की ओर से अलग-अलग सेंटरों पर जांच शिविर का आयोजन किया था. इसमें आये मरीजों की जांच के आधार पर सर्वे रिपोर्ट निकाली गयी.
इस्तेमाल का सही तरीका
-इनहेलर को 6 से 7 बार हिलाएं, ताकि अंदर की दवा पूरी तरह से घुल जाये
-सांस को पूरी तरह से छोड़ें जिससे फेफड़े खाली हो जाये
-इनहेलर के माउथर को मुंह में रख होठों से दबाएं
-पंप को दबाएं और सांस को पूरी तरह से अंदर खींचे
-पंप को बाहर निकालें और 10 सेकेंड सांस को रोके रखें
सर्वे में यह भी आया सामने
-70 प्रतिशत लोग अपनाते हैं गलत तरीका
-20 प्रतिशत मरीजों को रोग के लक्षणों के बारे में नहीं है जानकारी
-55% बीच में ही छोड़ देते हैं अपना इलाज
-40 प्रतिशत मरीज दवाओं का सही डोज नहीं लेते
बढ़ जाता है मर्ज
पीएमसीएच के वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ समरेंद्र झा ने बताया कि इनहेलर को गलत तरीके से उपयोग करने से दवाओं को पूरी मात्रा फेफड़ों में नहीं पहुंच पाती. इससे मर्ज और अधिक बढ़ जाता है. इतना ही नहीं मरीजों को अगर एक बार फायदा नहीं होता है तो वह बार-बार इनहेलर का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में मरीजों पर अधिक बोझ पड़ता है. साथ ही इसका असर फेफड़ों पर भी देखने को मिलता है. कई बार अधिक दम लगाने से फेफड़ों में दर्द भी शुरू हो जाती हैं.
एक्सपर्ट व्यू
पीएमसीएच में टीबी व चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ सुभाष चंद्र झा ने बताया कि अगर सही तरीके से इनहेलर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो अस्थमा की शिकायत पूरी तरह से ठीक नहीं होगी. इसके लिए हर डॉक्टर को चाहिए वह अपने मरीज को इसके इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षण दे. ताकि, मरीज अच्छे से इनहेलर का इस्तेमाल कर सके. पीएमसीएच में इलाज कराने आ रहे अधिकांश मरीजों की पड़ताल में भी यह बात सामने आयी है.

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