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प्रबंधक कमेटी की बैठक आज शामिल नहीं होगा विपक्षी दल
पटना सिटी : सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी की मंगलवार को बैठक होगी, हालांकि यह बैठक उस समय हो रही है, जब पांच हलकों के चुनाव के लिए बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की ओर से अधिसूचना निर्गत किया गया. इधर कमेटी के विपक्ष खेमा ने स्पष्ट कर दिया […]
पटना सिटी : सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी की मंगलवार को बैठक होगी, हालांकि यह बैठक उस समय हो रही है, जब पांच हलकों के चुनाव के लिए बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की ओर से अधिसूचना निर्गत किया गया.
इधर कमेटी के विपक्ष खेमा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे बैठक में शामिल नहीं होंगे. प्रबंधक कमेटी की होने वाली बैठक को लेकर कमेटी के बाहर में रहने वाले सदस्य पटना साहिब पहुंचने लगे है. इसमें कमेटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह मक्कड़, वरीय उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, सदस्य प्रीतपाल सिंह, डॉ गुरमीत सिंह व गुरेंद्रपाल सिंह भी बैठक में शामिल होने के लिए पटना साहिब आ चुके है.
दूसरी ओर प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव सरदार चरणजीत सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि वो बैठक में शामिल नहीं होंगे. क्योंकि मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, साथ ही चुनाव की तिथि का एलान हो गया है. ऐसे में वो इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. इधर प्रस्तावित चुनाव के साथ तख्त साहिब में सियासी सरगर्मी भी बढ़ गयी है.
सात एजेंडा पर होगी चर्चा
महासचिव ने बताया कि बैठक में सात एजेंडा पर चर्चा होगी. इसमें पिछले बैठक की सुंपुष्टि, माह अनुसार दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच आय-व्यय की संपुष्टि, प्रबंधक कमेटी के लिए चयनित होने वाले प्रतिनिधि के हेतु पत्र देने पर विचार, तख्त साहिब के विद्यालय को कंगन घाट पर शिफ्ट करने की योजना, पंजाब भवन के लिए कंगन घाट पर नये जगह का चयन, कर्मियों की इंक्रीमेंट बढ़ाने पर विचार के साथ जमीन खरीद के अलावा अध्यक्ष की अनुमति से फुटकर विषयों पर भी चर्चा की जायेगी. चुनाव की तिथि का एलान होने के बाद प्रबंधक कमेटी की प्रस्तावित बैठक काफी अहम हो गयी है.
रमजान नेमतों, बरकतों व अजमतों का महीना
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है. रमजान का मतलब होता है प्रखर. सन 610 में लयलतुल कद्र के मौके पर जब हजरत मोहम्मद साहब को कुरान के बारे में पता चला, तभी इस महीने को पवित्र माह के रूप में मनाया जाने लगा. हाफिज मौलाना एकरामुल हक कैसर िमस्बाही कहते हैं कि रमजान का महीना अल्लाह का है. यह नेमतों का महीना है,
बरकतों वाला का महीना है, अजमतों का महीना है. इस महीने में अल्लाह अपने बंदों के लिए बरकतों के दरवाजे खोलते हैं. इस महीने में अल्लाह सबको रिज्क देता है, उनके सभी गुनाह माफ कर दिये जाते हैं.
मौलाना ने बताया कि अल्लाह ने अपनी किताब में फरमाया है कि उसके नेक बंदे जितना हो सके अपनी नफ्ज पर कंट्रोल रखें. ऐसा करके उन बंदों का शुमार अल्लाह के करीबियों में उनके महबूबों में होगा. फितरे के सवाल पर मौलाना ने कहा कि रमजान महीने के अंत में दिया जाने वाला फितरा एक तरह का टोकन अमाउंट होता है जो उस इंसान को ये बताता है कि अल्लाह की नजर में सब बराबर है. जब कोई अमीर आदमी ये टोकन अमाउंट अपने खुदा की तरफ से किसी गरीब हो देता है तब उसे ये एहसास होता है कि आखिर भूख क्या होती है.
भूख का एहसास क्या होता है, अल्लाह अमीर बंदे को इस टोकन के जरिये एक गरीब का दरवाजा दिखाता है. इस टोकन का पैगाम यह है कि इस दुनिया में कोई भी गरीब नहीं है. कोई भी बेसहारा नहीं है. अल्लाह सबके साथ है. हाफिज मौलाना एकरामुल हक कैसर मिस्बाही
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