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जेईई एडवांस्ड में डेसीमल के प्रश्नों ने उलझाया, इस साल का कटऑफ पिछले साल से कम, 10 जून को घोषित होंगे परिणाम
फाइनल एग्जाम. मैथ, फिजिक्स ने परीक्षार्थियों को किया परेशान तो केमिस्ट्री ने दी राहत पटना : देश के 23 आईआईटीज में नामांकन के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस्ड परीक्षा का रविवार को समापन हो गया. परीक्षा का आयोजन देश के अलावा विदेशों में भी विशेष रूप से बनाये गये केंद्रों पर एक साथ किया […]
फाइनल एग्जाम. मैथ, फिजिक्स ने परीक्षार्थियों को किया परेशान तो केमिस्ट्री ने दी राहत
पटना : देश के 23 आईआईटीज में नामांकन के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस्ड परीक्षा का रविवार को समापन हो गया. परीक्षा का आयोजन देश के अलावा विदेशों में भी विशेष रूप से बनाये गये केंद्रों पर एक साथ किया गया. इसमें करीब एक लाख 64 हजार परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया. राज्य में भी इस एग्जाम के लिए पटना, गया, बिहारशरीफ, छपरा, भागलपुर, पूर्णिया, समस्तीपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में 35 सेंटर बनाये गये थे जिसमें बिहार रीजन से करीब आठ हजार परीक्षार्थियों के परीक्षा देने की व्यवस्था की गयी थी.
पटना में बनाये गये विभिन्न सेंटरों पर 5837 छात्रों के एग्जाम देने की व्यवस्था की गयी थी. पटना में सबसे ज्यादा 20 सेंटर बनाये गये थे. ज्ञात हो कि इस बार जेईई एडवांस्ड का आयोजन आईआईटी कानपुर की तरफ से किया गया था.
इस परीक्षा के द्वारा आईआईटी सहित अन्य संस्थानों के स्नातक स्तरीय कोर्स, इंटीग्रेटेड मास्टर डिग्री कोर्स के अलावा डूअल डिग्री कोर्स में नामांकन मिलता है. जेईई एडवांस्ड के परिणाम की घोषणा 10 जून को की जायेगी.
छात्रों में रही उत्सुकता : जेईई एडवांस्ड 2018 का पहला पेपर सुबह नौ से बारह बजे तथा दूसरा पेपर दोपहर दो से पांच बजे तक आयोजित किया गया. यह पहला मौका था, जब इस परीक्षा को ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया.
परीक्षा को लेकर छात्रों में सुबह से ही उत्सुकता देखने को मिली. परीक्षा के शांतिपूर्ण तरीके से आयोजन को लेकर जेईई एडवांस्ड की तरफ से पहले ही दिशा निर्देश को जारी कर दिया गया था. परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों के चेहरे पर तनाव भी देखने को मिला जिसे दूर करने के लिए उनके पैरेंट्स बार-बार समझाते दिख रहे थे. गेट परजितनी संख्या में स्टूडेंट्स थे, करीब-करीब उतनी ही संख्या में उनके पैरेंट्स भी दिखे.
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इस साल का कटऑफ पिछले साल से कम
दोनों पेपर में 160-160 अंक के प्रश्न पूछे गये. पिछले साल की तुलना में पेपर को लेकर विशेषज्ञों का मिलाजुला रुझान मिला. विशेषज्ञों की मानें तो इस साल का कटऑफ पिछले साल से कम रहने की संभावना है. पिछले साल संयुक्त कटऑफ 128 तथा सब्जेक्ट का 13 था वहीं इस साल संयुक्त कटऑफ 100 के आसपास तथा विषय का 10 रहने की संभावना है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा के कारण प्रश्न पत्र सहज नहीं होने के कारण प्रथम दृष्टया सही-सही अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है. अभ्यानंद सुपर-30 के पंकज कुमार ने बताया कि प्रश्न पत्र 2016 और 2017 का औसत है. डेसीमल वाले प्रश्नों में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है.
इधर परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के लिए कई दिशा-निर्देश को पहले ही जारी किया गया था. जिसमें किसी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ पर्स, हैंडबैग, धूप के चश्मे, ताबीज, ब्रेसलेट, कान की बालियां, नोज पिन, चेन, नेकलेस, बैच, हेयर पिन, हेयर बैंड, पूरी बांह के कपड़ों पर भी रोक थी. सभी आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा था.
सिंगल ऑप्शन के प्रश्न देखने को नहीं मिले, सब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गये
इस बार सिंगल ऑप्शन के प्रश्न देखने को नहीं मिले. सब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गये. पाराग्राफ से प्रश्न रहे. मैचिंग ऑप्शन भी पूछा गया. कुल मिला कर प्रश्न टफ रहे. जनरल का कटऑफ 35 प्रतिशत, ओबीसी 25 प्रतिशत व एससी, एसटी का कटऑफ 15 से 20 प्रतिशत तक जा सकता है.
—जे. रॉय, सीईओ, जुपिटर फॉर आईआईटी मेडिक
एनसीईआरटी के 11वीं व 12वीं के लेवल के प्रश्नों को बराबर वेटेज मिला है. प्रश्न पिछले साल से टफ रहे. प्रश्नों का स्टैंडर्ड बहुत हद तक 2016 के प्रश्नों जैसा देखने को मिला. ऑनलाइन मोड में परीक्षा का आयोजन छात्रों के लिए नया रहा. जनरल के लिए 85 से 95, ओबीसी के लिए 70 से 75 व एससी, एसटी के लिए 40 से 45 कटऑफ रहेगा.
—पंकज कपाड़िया, निदेशक आईआईटीयन तपस्या
टफ था पेपर टू
अभ्यर्थियों ने बताया कि पेपर वन की अपेक्षा पेपर टू थोड़ा ज्यादा टफ था. पेपर वन में फिजिक्स और पेपर टू में मैथ के कुछ प्रश्नों ने छात्रों को परेशान किया. पहली बार डिजिट वाले प्रश्न में डेसीमल में जवाब देना था. परीक्षार्थी अनुभव ने बताया कि इस तरह के प्रश्न के पूछे जाने की अंदेशा नहीं था. जिसके कारण इसे हल करने में थोड़ी परेशानी हुई.
वहीं परीक्षार्थी राजेश ने बताया कि इंटिजर के बदले डेसीमल वाले प्रश्नों ने सभी को परेशान किया. इसमें डेसीमल के दो अंकों तक सही उत्तर देना था. ज्यादातर छात्रों ने इस तरह के प्रश्न की प्रैक्टिस नहीं की थी. परीक्षार्थी रोशनी के अनुसार फिजिक्स और मैथ के करीब करीब 40 प्रतिशत प्रश्न टफ थे. ओवरऑल प्रश्न औसत श्रेणी का है. ज्ञात हो कि दोनों पेपरों से इस बार 160-160 अंक के प्रश्न पूछे गए थे.
आईआईटीयन तपस्या के निदेशक पंकज कपाड़िया के अनुसार केमेस्ट्री में ऑर्गेनिक से करीब 45 प्रतिशत, फिजिकल से 35 प्रतिशत व इनऑर्गेनिक से 20 प्रतिशत प्रश्न पूछे गये. वहीं फिजिक्स में मैकेनिक्स से अधिक प्रश्न पूछे गये. एक या एक से अधिक उत्तर वाले चार अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गये जिसमें पार्सियल व निगेटिव मार्किंग थी. इंटिजर टाइप सवाल जिसमें इस बार डेसीमल तक की गणना करनी थी, एेसे तीन अंकों वाले आठ प्रश्न पूछे गये. इनमें निगेटिव मार्किंग नहीं थी. गद्यांश पर आधारित चार वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी थे, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के तीन अंक व निगेटिव मार्किंग शामिल थी.
दूसरे पेपर में गद्यांश की जगह मैट्रिक्स वाले प्रश्न पूछे गये थे. वहीं मेंटर्स एडुसर्व के आनंद कुमार जायसवाल ने बताया कि फिजिक्स में दोनों पेपर आसान थे. केमेस्ट्री में दोनों पेपर मीडियल लेवल के तथा मैथ में पेपर वन मीडियम तथा पेपर टू थोड़ा कठिन था.
क्या कहना है छात्रों का
मेरा दोनों पेपर ठीक रहा. फिजिक्स व केमिस्ट्री के प्रश्न आसान रहे लेकिन मैथ के प्रश्न समय लेने वाले थे.
—इशान, छात्र
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