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बिहार में रिसोर्सेज की कमी, फिर भी जारी है रिफॉर्म्स: मुख्यमंत्री

पटना : बरौनी, कांटी और नवीनगर बिजलीघर अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के हवाले हो गये हैं. इसके लिए मंगलवार को बिहार विकास मिशन के सभाकक्ष में एनटीपीसी और बिहार सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. इसके बाद एनटीपीसी के डायरेक्टर (कॉमर्शियल) एके गुप्ता और एमडी एसबीपीडीसीएल व बीएसपीजीसीएल आर लक्ष्मणन ने आपस […]

पटना : बरौनी, कांटी और नवीनगर बिजलीघर अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के हवाले हो गये हैं. इसके लिए मंगलवार को बिहार विकास मिशन के सभाकक्ष में एनटीपीसी और बिहार सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
इसके बाद एनटीपीसी के डायरेक्टर (कॉमर्शियल) एके गुप्ता और एमडी एसबीपीडीसीएल व बीएसपीजीसीएल आर लक्ष्मणन ने आपस में एमओयू का हस्तांतरण किया.
इन बिजलीघरों का स्वामित्व एनटीपीसी को हस्तांतरित होने से राज्य को सालाना 875.06 करोड़ की बचत होने की संभावना है. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रिसॉर्सेज (संसाधन) की कमी है, लेकिन रिफॉर्म्स (सुधार) जारी है और इसी की बदौलत बिहार नयी ऊंचाइयों को छुयेगा. आज मुझे व्यक्तिगत तौर पर खुशी हो रही है. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि पूरे देश में बिजली एक दर हो.
नीतीश कुमार ने कहा, ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं. प्रबंधन व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही बिजली बोर्ड को पांच भागों में विभाजित कर कंपनी के रूप में निर्मित किया.
बिजली बोर्ड में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी की सेवा शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिजली की दरों को ठीक करने के लिए सरकार ने बिजली नियामक आयोग के समक्ष जीरो सब्सिडी का प्रस्ताव रखा और जब दरें तय हुईं, तब राज्य सरकार अपने खजाने से उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है.
बिजली बिल में बिजली की वास्तविक दरें और राज्य सरकार द्वारा दी गयी सब्सिडी लिखी रहेगी, जिससे लोगों को पता चलेगा कि सरकार उपभोक्ताओं को कितनी सहायता राशि दे रही है. इससे लोग नैतिक जिम्मेदारी समझकर बिना वजह बिजली की खपत नहीं करेंगे. सब्सिडी उपभोक्ताओं और वितरण कंपनियों को दिया जाता है. वितरण कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए सब्सिडी दी जाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीनगर प्लांट को शुरू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसको लेकर मैंने व्यक्तिगत तौर पर पहल की और जमीन अधिग्रहण संबंधी समस्या का समाधान किया गया. किसानों को उचित मूल्य दिया गया.
जब मैं केंद्र में मंत्री था तो बाढ़ में एनटीपीसी के सहयोग से 660 मेगावाट की तीन इकाइयां और 660 मेगावाट की दो इकाइयां शुरू की गयीं. पहले के मुकाबले बिहार में बिजली का उत्पादन काफी हो रहा है. हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है, चाहे जेनेरेशन हो, ट्रांसमिशन हो, सब ट्रांसमिशन हो या डिस्ट्रीब्यूशन हो. हाल ही में रोहतास जिले के रेहल गांव में अॉफ ग्रिड बिजली आपूर्ति देखने का अवसर मिला. वहां पर सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
सोलर पावर और विंड पावर के क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत है. कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि हर गांव, हर घर तक बिजली उपलब्ध करा दी जायेगी. बेहतर यातायात और बिजली की व्यवस्था होने से आज राज्य की तस्वीर बदल गयी.
एमओयू के अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह, डायरेक्टर कमर्शियल एके गुप्ता, रीजनल एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर एनटीपीसी सुरेंद्र नरेंद्र, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी के एमडी आर लक्ष्मणन, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड कंपनी के एमडी संदीप के आरपी, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह, कांटी विद्युत उत्पादक निगम लिमिटेड के सीईओ पीके सिन्हा, एनटीपीसी के जीएम प्रशांत कश्यप, राकेश प्रसाद व प्रवीण सक्सेना, एनटीपीसी के एजीएम कॉमर्शियल एसडी झा सहित ऊर्जा विभाग के वरीय पदाधिकारीगण मौजूद थे.
इस कदम से िबजली दरें होंगी कम
सीएम ने कहा कि इन िबजलीघरों का स्वामित्व हस्तांतरण से बिजली की दरें कम होंगी. हमारी इच्छा है कि राज्य में एग्रीकल्चर फीडर जल्द लग जाये, ताकि किसानों को कम-से-कम 8 घंटे बिजली आसानी से मिल सके. केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के दूरदर्शी शासन को दर्शाता है.
यह मुख्यमंत्री का विजडम भरा निर्णय है, इससे राज्य को काफी फायदा होगा. राज्य के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी अपने विचार रखे.

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