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पटना : दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे छह फर्जी छात्र पकड़ाये
पटना : परीक्षा छोटी हो या बड़ी, शॉर्ट कट का चलन बढ़ता जा रहा है. बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं और बिहार बोर्ड परीक्षा में नकल के लिये अपनायी जानेवाली पैतरेबाजी अब सरकारी अावासीय विद्यालय के प्रवेश परीक्षाओं में भी अपनायी जाने लगी है. दूसरों की जगह पर परीक्षा दे रहे छह फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये हैं. […]
पटना : परीक्षा छोटी हो या बड़ी, शॉर्ट कट का चलन बढ़ता जा रहा है. बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं और बिहार बोर्ड परीक्षा में नकल के लिये अपनायी जानेवाली पैतरेबाजी अब सरकारी अावासीय विद्यालय के प्रवेश परीक्षाओं में भी अपनायी जाने लगी है. दूसरों की जगह पर परीक्षा दे रहे छह फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये हैं.
सभी पकड़े गये नाबालिग हैं. वे दूसरे आवासीय विद्यालयों के पंजीकृत छात्र हैं. उनके प्रवेशपत्र से मिलान कराया गया, तो पता चला कि दूसरे परीक्षार्थियों की जगह पर परीक्षा दे रहे हैं. परीक्षा तारामंडल के निकट एक राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में चल रही थी.
इस पर परीक्षा आयोजित करानेवाले स्कूल के शिक्षकों और फ्लाइंग अफसरों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी छह लोगों को कोतवाली ले गयी. पकड़े गये सभी छात्र आंबेडकर आवासीय विद्यालय पुनपुन के हैं. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पकड़े गये छह छात्रों में दो के फोटो में अंतर आया. संदेह के आधार पर जब उनसे पूछताछ की गयी, तो पता चला कि आवासीय विद्यालय पुनपुन से छह ऐसे छात्र आये हैं, जो दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे हैं.
विभागीय अफसरों ने नहीं दिखायी जांच में दिलचस्पी
कोतवाल रमाशंकर प्रसाद का कहना है कि सामाजिक कल्याण विभाग ने लिखित सूचना नहीं दी है. इस मामले में सभी छह छात्रों को थाने से जमानत दी जायेगी.
यहां बता दें कि इस परीक्षा में बैठनेवाले छात्र के पास होने पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से संचालित आवासीय विद्यालय में दाखिल मिल जाता है. चूंकि पकड़े गये सभी परीक्षार्थी नाबालिग हैं. इसलिए इस केस में पुलिस भी नरमी बरत रही है. इस सेंटर पर 80 सीटों के लिए स्कूल में प्रवेश परीक्षा के लिए केंद्र बनाया गया था, जहां 385 लड़के और 76 लड़कियां प्रवेश परीक्षा दे रही थीं.
बाधित की जा सकती है जांच
आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में इस तरह की धांधली का पहली बार खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक असल परीक्षार्थी की जगह दूसरों से परीक्षा दिलाने की कवायद सुनियोजित है. इसमें केंद्राधीक्षक से लेकर विभागीय अफसरों तक की मिलीभगत सामने आ सकती है.
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में वरिष्ठ अफसराें ने बड़ीगड़बड़ी पकड़े जाने के बाद भी पुलिस से संपर्क नहीं साधा है. यही नहीं केंद्राधीक्षक से भी संपर्क नहीं किया है. जानकारों का कहना है इन सभी बातों का मतलब केवल जांच को बाधित करना है.
इस तरह हुआ खुलासा
परीक्षा में ड्यूटी दे रहे एक शिक्षक जब बच्चों का एडमिट कार्ड ले रहे थे, तो दूर बैठे बच्चे काफी भयभीत दिखे. वे इधर-उधर बैठते दिखायी दिये. तभी आवासीय विद्यालय की एक फ्लाइंग आ गयी, उसमें आये शिक्षकों ने दो बच्चे पहचान लिये.
दरअसल वे किसी दूसरे आवासीय विद्यालय में पहले ही सेलेक्ट हो चुके थे. इस पर उन लोगों ने उनसे पूछताछ की, एडमिट कार्ड का मिलान किया तो पता चला कि वे दूसरों की जगह परीक्षा दिलाने लाये गये थे. पकड़े गये सभी बच्चे पुनपुन आवासीय विद्यालय के हैं. बच्चों ने केंद्र पर ड्यूटी दे रहे शिक्षक के सामने सारी बात कुबूल भी की है. सूत्रों के मुताबिक एक और संदिग्ध परीक्षार्थी की तलाश की जा रही है. वह पकड़ा नहीं जा सका है.
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