पटना : महात्मा गंगा सेतु की स्थिति को देखते हुए कभी भी ट्रकों व बसों का परिचालन बंद होने की संभावना है. सेतु की स्थिति को लेकर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर आगाह किया है. इसके बाद से सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने की […]
पटना : महात्मा गंगा सेतु की स्थिति को देखते हुए कभी भी ट्रकों व बसों का परिचालन बंद होने की संभावना है. सेतु की स्थिति को लेकर सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर आगाह किया है. इसके बाद से सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने की संभावना बढ़ गयी है.
इस संबंध में पटना, वैशाली व छपरा जिला प्रशासन के साथ बैठक में शीघ्र निर्णय लिया जाना है. जानकारों के अनुसार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पत्र लिख कर आगाह किया है कि गांधी सेतु की स्थिति जर्जर हो गयी है. वर्तमान में केवल एक लेन से सभी तरह के वाहनों का परिचालन हो रहा है. कई जगहों पर सेंट्रल हेंज बियरिंग टूूटने की वजह से
गांधी सेतु पर…
पुल के झूलने की स्थिति में पहुंच चुकी है. इसके बाद पथ निर्माण विभाग की टीम ने स्थिति को गंभीर मानते हुए सभी तरह के भारी वाहनों का परिचालन तत्काल बंद कराने की रिपोर्ट सौंपी है. भारी वाहनों का परिचालन बंद करने से पहले विकल्प तलाशने के लिए पटना, वैशाली व छपरा जिला प्रशासन के साथ मिल कर निर्णय लिया जाना है. विभागीय सूत्र ने बताया कि उत्तर बिहार व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली लाइफ लाइन गांधी सेतु के विकल्प के रूप में जेपी सेतु व आरा-छपरा पुल है.
ऐसी संभावना है कि बड़े वाहनों को आरा-छपरा पुल के रास्ते से भेजा जाये,जबकि छोटे वाहनों का परिचालन दीघा-सोनपुर पुल से हो. ज्ञात हो कि गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को स्टील फ्रेम स्ट्रक्चर में बदला जा रहा है. अभी पश्चिमी लेन पर काम हो रहा है. यह काम अगले साल जून को पूरा होगा. अभी सेतु पर दुपहिया वाहन के परिचालन पर रोक है.