कृषि रोडमैप को लागू करने में जुटा विभाग, हर माह योजनाओं की होगी समीक्षा
पटना : कृषि विभाग कृषि रोडमैप को लागू करने में जुट गया है. कृषि विभाग ने तय किया है कि योजनाओं को समय पर लागू कराने की सीधे-सीधे जिम्मेदारी क्षेत्रीय कृषि संयुक्त (जेडीए) की होगी. इसके लिए उन्हें हर माह नियमित तौर पर अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के साथ बैठक करनी होगी. कृषि रोडमैप को तेजी से लागू करने के लिए पंचायत स्तर पर भी कार्ययोजना बनेगी. पिछले साल राष्ट्रपति के हाथों राज्य की तीसरा कृषि रोडमैप लांच हुआ था. अब इसको तेजी से कार्यान्वयन करना है.
इसको लेकर पिछले दिनों कृषि विभाग में एक बैठक हुई थी जिसमें कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा था कि समय पर कृषि योजनाओं का कार्यान्वयन होना चाहिए.
विभाग चालू वित्तीय वर्ष की योजनाओं को अप्रैल में ही स्वीकृत कर देगा ताकि समय पर योजनाएं पूरी हो सके. इस बैठक में तय हुआ था कि प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक योजनाओं के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु नियमित तौर पर मासिक बैठक करें. इस बैठक में जिला के नोडल पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक, उप नियंत्रक माप–तौल, बाजार समिति के पदाधिकारी एवं जिला स्तरीय सभी विभागीय पदाधिकारी की उपस्थित हो. विभाग ने यह भी तय किया है कि कृषि रोडमैप को लागू करने के लिए पंचायत स्तर पर कार्ययोजना बनेगी. कार्ययोजना बनाने में जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला के नोडल पदाधिकारी अने मातहतों से भी सुझाव लेंगे.
रोडमैप के लिए कृषि समन्वयकों की होगी नियुक्ति
कृषि विभाग कृषि रोडमैप और अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कृषि समन्वयकों को रिक्त 850 पदों पर नियुक्ति करेगा.राज्य में कृषि समन्वयक के लगभग 850 पद अभी रिक्त है. इसकी समीक्षा कर विभाग नियुक्ति करेगा. स्वीकृति के संबंध में एक बैठक आयोजित की गयी है.
विभाग में संचालित योजनाएं
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, राष्ट्रीय कृषि संधारणीय मिशन, परम्परागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, समेकित जलछाजन प्रबंधन कार्यक्रम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, कृषि यांत्रिकरण योजना, जैविक प्रोत्साहन योजना, बीज योजना.