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पंचायत कार्यालयों की पंजियों की होगी जांच

पटना: पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित करने, जनता की शिकायत दर्ज कराने, सूचना के अधिकार की मांग करने, कर्मचारियों की उपस्थिति सहित मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए रखी गयी पंजियों की अब जांच करायी जायेगी. पंचायती राज विभाग ने अब हर पंचायत कार्यालय की जांच कराने का निर्णय लिया है. इसके तहत हर पंचायत में रखी […]

पटना: पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित करने, जनता की शिकायत दर्ज कराने, सूचना के अधिकार की मांग करने, कर्मचारियों की उपस्थिति सहित मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए रखी गयी पंजियों की अब जांच करायी जायेगी.

पंचायती राज विभाग ने अब हर पंचायत कार्यालय की जांच कराने का निर्णय लिया है. इसके तहत हर पंचायत में रखी गयी 22 प्रकार की पंजियों की जांच होगी. पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों, उपविकास आयुक्तों व अनुमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पंचायत कार्यालयों की जांच सुनिश्चित करायी जाये. इसमें प्रखंड पंचायत राज अधिकारी द्वारा हर महीने कम-से-कम दो पंचायत कार्यालयों की विस्तृत जांच की जायेगी. वे अनिवार्य रूप से कैशबुक व योजनाओं की पंजी की जांच करेंगे. जांच के चौथे दिन बाद उसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी व संबंधित पंचायत को दी जायेगी.

कैशबुक व योजनाओं की पंजियों में पायी जानेवाली अनियमितता की ओर प्रखंड विकास पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. इसके अलावा विभाग ने दो अन्य स्तरों पर भी जांच कराने का निर्देश दिया है. इसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी को हर माह एक प्रखंड कार्यालय के निरीक्षण का निर्देश दिया गया है.

महीने में कम-से-कम दो पंचायतों की जांच : जिला पंचायती राज पदाधिकारी महीने में कम-से-कम दो पंचायतों की जांच करेंगे. प्रखंड विकास पदाधिकारी पंचायतों की जांच कर एक सप्ताह के अंदर उसका एक प्रतिवेदन संबंधित पंचायत, अनुमंडल पदाधिकारी और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को देंगे. अपनी जांच में बीडीओ को पंचायत भवन की स्थिति, कैशबुक, चेक पंजी का संधारण, अभिलेखों के रखने की व्यवसथा, समय पर कार्यो के निष्पादन, ग्राम सभा के बैठकों की कार्यवाही, स्थायी समितियों का गठन व उनके कार्यकलाप, पंचायतों की बैठकों की कार्यवाही, अंकेक्षण आपत्तियों का निष्पादन, उपयोगिता प्रमाण पत्र का समर्पण के बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना है. यह निर्देश दिया गया है कि निरीक्षण के दिन पंचायत सचिव व मुखिया ग्राम पंचायत कार्यालय में अवश्य उपस्थित रहेंगे. अपरिहार्य कारण से मुखिया मौजूद नहीं हो तब भी पंचायत सचिव की मौजूदगी में कार्यालय का निरीक्षण किया जायेगा. निरीक्षण के दौरान जो भी कागजात की मांग की जायेगी, उसे पंचायत सचिव व मुखिया द्वारा उपलब्ध कराना बाध्यकारी होगा. निरीक्षण ग्राम पंचायत के कार्यालय में ही किया जायेगा, प्रखंड कार्यालय या किसी अन्य स्थान पर नहीं. निरीक्षण में पायी गयी त्रुटियों व अनियमितताओं को संबंधित पंचायत निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने के दो माह के अंदर दूर कर निरीक्षी पदाधिकारी को सूचना करना है.

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