पटना: बढ़ते तापमान (42 डिग्री) ने बच्चों का हाल बेहाल कर दिया है. पीएमसीएच समेत अन्य सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. पांच दिनों में सभी अस्पतालों में करीब 174 बच्चे व ओपीडी में हर दिन डायरिया पीड़ित 40 बच्चों का इलाज हो रहा है. यही हाल शहर के निजी अस्पतालों का भी है.
पीएमसीएच शिशु विभाग के चिकित्सक डॉ निगम प्रकाश ने बताया कि गरमी बढ़ने से शिशु विभाग की इमरजेंसी व ओपीडी में डायरिया पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गयी है. अस्पताल प्रशासन ने आवश्यक दवा उपलब्ध करा दी है.
बर्फ गोले से बच्चों को रखें दूर
स्कूल से छुट्टी होते ही बच्चे आइस गोला,आइसक्रीम व ठंडा पानी पीने लगते हैं. इस कारण बीमार पड़ने की आशंका ज्यादा रहती है. आइस गोला काफी खतरनाक है. इसके सेवन से जांडिस, टायफाइड व डायरिया का खतरा रहता है. इलाज के लिए आने वाले अधिकतर बच्चों में तेज बुखार देखा जा रहा है. पूरी तरह स्वस्थ होने में पांच से सात दिन लग जाता है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार का कहना है कि बाजार में बिकने वाला आइस गोला बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. गोला में प्रयुक्त बर्फ जैसे-तैसे बनाया जाता है. इस कारण बैक्टीरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ता है.