पटना : एक तरफ गर्मी के कारण डेयरी में दूध की आवक कम हो रही है, तो दूसरी ओर दही, लस्सी, छाछ, आइसक्रीम और दूध की मांग 30 फीसदी बढ़ गयी है. बढ़ी हुए मांग को पूरी करने के लिए पटना डेयरी प्रोजेक्ट विभिन्न दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से अतिरिक्त दूध मंगा रहा है.
पटना में दूध की कुल खपत करीब छह लाख लीटर रोजाना है. मिली जानकारी के अनुसार पटना डेयरी में रोजाना लगभग तीन लाख लीटर दूध से शीतल पेय तैयार किया जा रहा है. पिछले साल की अपेक्षा लस्सी, दही, छाछ और आइसक्रीम की खपत में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. पटना डेयरी प्रबंधन का कहना है कि बढ़ी हुृई डेढ़ से दो लाख लीटर राेजाना की मांग को पूरा करने की चुनौती होने के बाद भी दूध के दाम में कोई इजाफा नहीं किया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक लगन के दिनों में पनीर की मांग अलग बढ़ जायेगी. लगन को देखते हुए डेयरी कंपनी ने विशेष संग्रह शुरू कर दिया है, ताकि ग्राहकों को मांग के अनुसार पनीर की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके. पटना शहर में जरूरत के अनुसार लगभग छह लाख लीटर दूध में चार लाख लीटर की आपूर्ति विभिन्न डेयरी संस्थानों और असंगठित दुग्ध विक्रेताओं और खटालों द्वारा की जाती है. इसमें अकेले पटना डेयरी प्रोजेक्ट की 60 फीसदी से अधिक भागीदारी होती है.
दही की खपत
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल पटना डेयरी प्रोजेक्ट ने अप्रैल-मई में लगभग चार लाख किलो ग्राम दही बेचा था. जबकि इस अप्रैल-मई में 4.5 लाख किलोग्राम दही बेचने का लक्ष्य रखा है. उसी तरह पिछले साल अप्रैल-मई में पनीर 1.20 लाख किलोग्राम बेचा था. इस बार 1.50 लाख किलोग्राम से अधिक बिक्री होने की उम्मीद है. वहीं दूध पिछले अप्रैल- मई में 4 लाख लीटर प्रतिदिन की खपत थी. लस्सी और छाछ की बिक्री 1.50 लाख पाउच (एक पाउच 200 एमएल) होती है.
गरमी और लगन के
सीजन में दुग्ध उत्पादों की मांग 30 फीसदी से अधिक बढ़ जाती है. मांग की पूर्ति के लिए विशेष तैयारी पहले से करनी पड़ती है. पटना में 2800 आउटलेट के माध्यम से अपने उत्पाद को ग्राहकों तक पहुंचाने के प्रयास में हम जुटे हैं.
-सुधीर कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, पटना डेयरी प्रोजेक्ट