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सर्वार्थसिद्धि योग के साथ सतुआन पर्व 14 को, ज्योतिषी व पंडितों की राय में विशेष फलदायी है यह योग, गूंजेगी शहनाई
बिहार व भोजपुरीभाषी क्षेत्र में मनाया जानेवाला सतुआन पर्व 14 को पटना : बिहार व भोजपुरी भाषी क्षेत्र में मनाया जानेवाला सतुआन पर्व 14 अप्रैल, शनिवारको है. इस बार सतुआन पर सूर्य अश्विनी नक्षत्र की उपस्थिति में मीन से मेष राशि में प्रवेश कर कर्क रेखा से दक्षिण की ओर बढ़ेंगे. ज्योतिषी व पंडितों की […]
बिहार व भोजपुरीभाषी क्षेत्र में मनाया जानेवाला सतुआन पर्व 14 को
पटना : बिहार व भोजपुरी भाषी क्षेत्र में मनाया जानेवाला सतुआन पर्व 14 अप्रैल, शनिवारको है. इस बार सतुआन पर सूर्य अश्विनी नक्षत्र की उपस्थिति में मीन से मेष राशि में प्रवेश कर कर्क रेखा से दक्षिण की ओर बढ़ेंगे.
ज्योतिषी व पंडितों की राय में इस बार सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है जो विशेष फलदायी योग है. सतुआन के दिन खरमास समाप्त हो जायेगा. इसके साथ ही शादी-विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं.
पुण्यकाल में स्नान-दान का महात्म्य : सतुआन के दिन सुबह 9:51 से दोपहर 2:03 बजे तक पुण्यकाल है. इस दौरान गंगा या तीर्थ स्नान व दान का विशेष महत्व है. इस दिन प्रत्यक्ष देवता सूर्य की पूजा की जाती है. वहीं सत्तू, गुड़, चना, पंखा, मिट्टी का घड़ा, आम, ऋतुफल, अन्न आदि दान करने की परंपरा है. आध्यात्मिक मान्यता है कि सत्तू व जल से भरा पात्र दान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है.
सत्तू संक्रांति व बैसाखी भी कहते हैं इसे
इस पर्व को सतुआन के अलावा सत्तू संक्रांति भी कहा जाता है. पंजाब में वैशाखी त्योहार के रूप में इसे मनाया जाता है. इसी दिन से बांग्ला नव वर्ष की शुरुआत होती है. इस दिन शिव मंदिरों में घड़ों में जल भर कर शिवलिंग पर लगा दिया जाता है.
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